बिहार यूनिवर्सिटी द्वारा पीजी फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों का पांचवे पेपर की होने वाली परीक्षा को लेकर असमंजस खत्म हो चुका हैं।
फैसला के तहत 100 अंकों को पचास-पचास फीसद में बांटा गया है, मतलब 50 अंक का आंतरिक परीक्षा और 50 अंक की थ्योरी की परीक्षा होगा। बता दें कि 2018-20 के सत्र में चार पेपर को जोड़ा गया था, 1st सेमेस्टर में पर्यावरण के पेपर को जोड़ा गया हैं। सभी विषयों के लिए यह पेपर एक समान हैं।
विवि द्वारा 1st सेमेस्टर की परीक्षा को 3 महीने पहले ही लिया गया था लेकिन पांचवे पेपर की परीक्षा असमंजस की स्थिति के कारण अभीतक नही हो सका था क्योंकि विवि यह तय नही कर पा रहा था कि इसकी परीक्षा किस आधार पर हो एवं इसका मूल्यांकन किस प्रकार हों।
जैसा कि डीएसडब्ल्यू डॉ अभय कुमार सिंह ने बताया, पांचवे पेपर की परीक्षा को लेकर फैसला ही चुका है उन्होंने बताया कि कुलपति के आदेश से 50 फीसदी की थ्योरी की परीक्षा होगी इस पेपर में और वहीं विभागों के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर 50 फीसद तय किया जाएगा, बता दें कि इससे सम्बंधित विभागों को पत्र भी भेजा जा रहा हैं।
पीजी के विभागाध्यक्ष दिए थे
सुझाव प्रो. अजित कुमार पीजी इतिहास विभागाध्यक्ष द्वारा 50-50 अंकों के आधार पर बाटने का सलाह दिया गया था, छात्रों के फील्डवर्क, सामाजिक क्षेत्र में किये गए कार्य व परिसंवाद के आधार पर 50 अंकों को दिए जाने की बात कही गई थी।
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