मैट्रिक की परीक्षा में 1st डिवीजन से पास करने वाले श्रमिक परिवार के बच्चो के लिए खुशखबरी हैं क्योकि श्रम संसाधन विभाग के द्वारा उनके लिए खजाना खोल दिया गया हैं और साथ में नगद राष्ट्रीय पुरस्कार भी देने का फैसला श्रम संसाधन विभाग ने किया हैं.
श्रम संसाधन विभाग के द्वारा इससे संबंधित जुड़ी गाइडलाइन भी जारी कर दिया गया और अपने अधिकारीयों को यह निर्देश दिया है की इसका अनुपालन सुनिश्चित हों।
पुरष्कार प्राप्त करने के लिए श्रमिको का निबंधन होना जरूरी है जिनका निबंधन नहीं है उन्हें इसका लाभ नहीं मिल सकेगा।
राकेश रंजन ( श्रम अधीक्षक ) के द्वारा बताया गया है की मजदूरों एवं उनके बच्चो के बेहतर भविष्य के लिए कई योजनाएं चल रहीं हैं, जिसमे 1st डिवीजन से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों के लिए नगद पुरष्कार के रूप में नगद राशि देना भी शामिल हैं।
इसके लिए निम्न योग्यताएं हैं :
25,000 उन विधार्थियों के लिए जिनकों 80% या इससे अधिक नंबर आए हैं, 15,000 उन विधार्थियों के लिए जिनकों 70% या इससे अधिक नंबर आए हैं, एवं 10,000 उन विधार्थियों के लिए जिनकों 60% या इससे अधिक नंबर आए हैं,
आवेदन यहां होगा :
जैसा की जानकारी मिली हैं आवेदन को सीधे कर्यालय में जमा किया जायेगा आवेदन जमा करते वक्त आवेदक को अंकपत्र की जीरोक्स देना अनिवार्य हैं क्योकि अंकपत्र मिलने के बाद ही आवेदन से संबंधित सत्यता की जाँच हो सकेगी, उसके बाद राशि का भुगतान आवेदक को किया जायेगा।
पैसा किस माध्यम से मिलेगा :
जैसा की अधिकारीयों से जानकारी मिली हैं छात्रों को पुरस्कार की राशि आवेदक द्वारा बताये अकाउंट नंबर पर ऑनलाइन माध्यम से किया जायेगा।