PM Fasal Bima Yojana : देशभर में कई बार भारी बारिश, आंधी, तूफान (Rain, Thunderstorm,
Storm) के चलते किसानों की फसल (Farmers’ Crop) खराब हो जाती है. प्राकृतिक आपदा (Natural
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Calamity) के कारण फसल नष्ट होने से किसान काफी परेशानी का सामना कर रहे है।
क्या है बीमा योजना:
आपको बता दें की केंद्र सरकार यानि Central Government ने किसानों की इसी समस्या को
देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) शुरू की गई है।
इस PM Fasal Bima Yojana के तहत किसान बहुत कम पैसे देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकता है।
बीमित फसल नष्ट होने के बाद बीमा कंपनी (Insurance Company) उसके नुकसान की भरपाई करती है।
केंद्र सरकार (Central Government) ने शुरुआत में बैंकों से लोन (Bank’s Loan) लेने वाले किसानों के लिए
अपनी PM Fasal Bima Yojana कराना अनिवार्य किया था. लेकिन अब यह किसान की मर्जी पर निर्भर है
कि वह अपनी PM Fasal Bima Yojana कराए या नहीं. अधिकतर किसान अपनी फसल का बीमा कराते हैं।
ऐसे करें फसल का बीमा:
बता दें की PM Fasal Bima Yojana के तहत फसल का बीमा कराना काफी आसान है. जिन किसानों ने किसान
क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card- KCC) बना रखा है या कोई अन्य कृषि ऋण (Agriculture Loan) ले रखा
है तो वे उसी बैंक से अपनी फसल का बीमा (PM Fasal Bima Yojana) करा सकते हैं. उन्हें कुछ ज्यादा नहीं
करना होगा. बस बैंक में एक Application Form भरना होगा. बैंक के पास किसान की जमीन और अन्य कागजात
(Farmer’s Land And Other Documents) होते हैं, इसलिए आसानी से बीमा हो जाता है।
जिन किसानों ने लोन (Loan) नहीं ले रखा है, वे भी किसी भी बैंक से यह बीमा (Insurance) करा सकते हैं।
ऐसे अपनी ख़राब फसल का क्लेम:
बता दें की PM Fasal Bima Yojana के तहत किसान को दो तरह से बीमा क्लेम (Insurance Claim) मिलता
है. पहला, प्राकृतिक आपदा से फसल नष्ट होने पर और दूसरा, औसत आधार पर फसल कम होने पर. औसत
आधार पर फसल कम होने पर किसान के खाते (Bank Account) में बीमा कंपनी (Insurance Company)
अपने आप ही पैसे डाल देती है. किसान को कहीं आवेदन यानि Application करने की जरूरत नहीं होती है।
कब देनी होगी जानकारी:
बताते चलें की प्राकृतिक आपदा से फसल नष्ट (Crop Destroyed By Natural Calamity) होने पर किसान
को आवेदन करने की आवश्यकता होती है. फसल खराब होने के 72 घंटे के भीतर कृषि विभाग (Agriculture
Department) को फसल खराब होने की जानकारी देनी होती है. एक Application Form भरना होता है. इसमें
फसल खराब (Crop Failure) होने का कारण, कौन सी फसल बोई है और कितने क्षेत्र में फसल बोई गई है,
खेत किस गांव (Village) में है, साथ ही जमीन (Land) से संबंधित जानकारी देनी होती है।
बीमा पॉलिसी जरूर लें:
आपको बता दें कि इस Application Form के साथ फसल की बीमा पॉलिसी (Fasal Bima Policy) की
फोटोकॉपी भी लगानी होती है. Bima Policy, वह बैंक देता है जहां से बीमा (Insurance) कराया है. आवेदन देने
के कुछ समय बाद बीमा कंपनी(Fasal Bima Company) के प्रतिनिधि और कृषि विभाग के कर्मचारी
खेत का निरीक्षण (Farm Inspection) कर नुकसान का आंकलन करते हैं. आधार पर बीमा राशि (Insurance
Amount) तय की जाती है. फिर कुछ समय बाद किसान के Bank Account में बीमा राशि डाल दी जाती है।
ऐसे मिलेगा क्लेम:
बताते चलें की PM Fasal Bima Yojana के तहत अलग-अलग फसलों के लिए बीमा राशि अलग-अलग है.
कपास की फसल (Cotton Crop) के लिए Maximum ₹36,282, धान के लिए फसल (Paddy Crop) के
लिए ₹37,484, बाजरा की फसल (Millet Crop) के लिए ₹17,639, मक्का की फसल (Corn Crop) के लिए
₹18,742 और मूंग की फसल (Moong Crop) के लिए ₹16,497 प्रति एकड़ राशि मिल सकती है।