New Pattern: नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के साथ ही “4-Year Integrated B.Sc.-B.Ed./B.A.-B.Ed.” प्रोग्राम काफी चर्चा में रहा है। इसे लागू करने की तैयारी जोरों पर है।
हालांकि कुछ “Central University” और “State Universities” में पहले से ही “4-Year Integrated B.Sc.-B.Ed./B.A.-B.Ed.” प्रोग्राम चल रहा है।
बिहार में “Central University of South Bihar” में भी यह प्रोग्राम उपलब्ध है।
लेकिन NEP (New Education Policy) के पैटन में कई नई चीजें शामिल हो सकती हैं “4-Year Integrated B.Sc.-B.Ed./B.A.-B.Ed.” प्रोग्राम कैसा होगा यह एक अहम सवाल है।
इसका “Choice Based Credit System (CBCS)” इसे पुराने B.Ed. से अलग बना सकता है।
इसमें आपकी अपने विषय के साथ-साथ B.Ed. के विषयों को पढ़ने का मौका मिलेगा।
उदाहरण के तौर पर:
अगर कोई छात्र “Math Hons.” से B.SC. के साथ B.Ed. करना चाहता है तो वह “Graduation” के दौरान B.SC. के साथ B.Ed. के सेक्शन भी पढ़ पाएगा।
3 साल में “Graduation” पूरी होने पर चौथे साल में उसे B.Ed. के बने सेक्शन पढ़ने होंगे और इंटर्नशिप भी पूरी करनी होगी।
इस तरह उसके पास 4 साल के बाद “4-Year Integrated B.Sc.-B.Ed.” की डिग्री होगी, जो पहले 5 साल में मिलती थी।
जो छात्र शुरुआत में ही “Teacher” का “Carrier” चुन लेंगे इससे उनका एक साल बच जाएगा। हालांकि अभी यह संभावित मॉडल है जो जल्द ही फाइनल हो सकता है।
“4-Year Integrated B.Sc.-B.Ed./B.A.-B.Ed.” प्रोग्राम में “Admission” लेने के बाद अगर किसी छात्र को लगता है कि उसे “Teacher” नहीं बनना है, तो उसे
“Graduation” की डिग्री मिल जाएगी और साथ में B.Ed. के जिन विषयों को उसने पढ़ा उनका “Certificate” भी मिल जाएगा जो उसके “Academic Bank Credit” में जमा हो जाएगा।
आगे चलकर उसे लगा कि उसे B.Ed. करना है तो ये “Academic Bank Credit” उसके काम आएंगे।
जो छात्र “Graduation” या “P.G.” के बाद “Teacher” बनना चाहते हैं उनके लिए NEP(New Education Policy) एक या दो साल के B.Ed. प्रोग्राम को बंद नहीं कर रही है लेकिन उनके लिए प्रवेश थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
बेहतर “Academic Record” वाले छात्र जो गंभीरता से शिक्षण को “Carrier” के रूप में चुनना चाहते हैं उन्हें ही इस “4-Year Integrated B.Sc.-B.Ed./B.A.-B.Ed.” प्रोग्राम में प्रवेश मिल पाएगा।
अच्छे शिक्षकों की तो पूरे देश को जरूरत:
हालांकि अच्छे शिक्षकों की तो पूरे देश को जरूरत है और अगर बिहार के संदर्भ में बात करें तो सीयूएसवी(CUDV) में CTET में क्वालिफाइंग छात्रों का अनुपात संभवतः
पूरे देश के अनुपात से अधिक है सीयूएसबी(CUSV) में CTET देने वाले छात्रों में से लगभग 80% सफल होते हैं। निश्चित रूप से इस “4-Year Integrated B.Sc.-B.Ed./B.A.-B.Ed.” प्रोग्राम से बिहार के छात्रों को फायदा होगा।