Bihar University सहीत अन्य विवियों में भी परीक्षा स्वरूप का अंतिम निर्णय नहीं दिया जा सका है।
पीजी विभागाध्यक्षों एवं शिक्षक संघ की ओर परीक्षाओं के लेकर विवि को कई सुझाव दिए हैं, वहीं कुछ कॉलेजों के प्राचायों ने होम सेंटर बनाकर परीक्षा लेने के सुझाव दिए हैं।
वहीं, U.G.C. ने विवि को सितंबर के अंत तक परीक्षा आयोजित कर लेने को कहा है।
विवि में स्नातक, पीजी, वोकेशनल एवं प्रोफेशनल कोर्सों की परीक्षाओं को मिलाकर करीब 4 लाख छात्रों की परीक्षा होनी है।
एलएस कॉलेज के प्राचार्य
डॉ. ओमप्रकाश राय ने बताया कि छात्रों के लिए परीक्षा बेहद जरूरी है। सोशल डिस्टेन्स को ध्यान में रखकर परीक्षा का आयोजन की जा सकती है। इस पर विस्तृत रणनिति बननी चाहिए।
अभी की जो स्थिति है उस हिसाब से कोरोना इतना जल्द समाप्त नहीं होने वाला है। विवि प्रश्न पत्र तैयार कर कॉलेज को उपल्बध कराएं। कॉलेज को कई तरह की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती हैं।
आरडीएस कॉलेज के प्राचार्य
डॉ. ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि परीक्षा की समय अवधि बढ़ाकर एवं परीक्षा के विषयों के ग्रुपों की संख्या में बढ़ाकर एक दिन में एक से अधिक विषयों की परीक्षा आयोजित हो सकती हैं।
विभिन्न जिलों में कॉपियों के जांच का मूल्यांकन केंन्द्र बनाकार सप्ताह में दो दिन कॉपियों का जांच कराया जायें. परीक्षा विभाग के तरफ से IT Cell का गठन होना चाहिए।
आरबीबीएम कॉलेज के प्राचार्य
डॉ. ममता रानी ने बताया कि कोरोना काल में Objective Question पूछे जाते हैं, तो छात्रों को एक साथ बैठाना होगा। वहीं Engineering College में Online परीक्षा ली जा रही हैं, लेकिन विवि के छात्रों के लिए संभव नहीं है. लगता हैं।
ऐसे स्थिति में सांकेतिक परीक्षा का आयोजित होनी चाहिए। इस वक्त परीक्षा में भीड़ नहीं बढ़ायी जा सकती हैं।
नीतीश्वर कॉलेज के प्राचार्य
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि होम सेंटर पर परीक्षा आयोजन करने का सुझाव विवि को पहले ही दिया गया था। लेकिन इसमें कई दिक्कतें आ सकती हैं। कई कॉलेजों में एक-एक के विषय से बहुत छात्र है।
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वहीं सब्सिडरी की परीक्षा में भी अधिक छात्र होगें। ऐसी स्थिति में पार्ट- थ्री की परीक्षा कुछ और देरी से आयोजित होनी चाहिए। वहीं, पार्ट- वन एवं टू की परीक्षा सालभर बाद आयोजित होनी चाहिए।