मुजफ्फरपुर: Bihar University में इस बार स्नातक पार्ट- टू व- थ्री के विज्ञान संकाय के 60 हजार छात्र बिना प्रयोगशाला (Laboratory) में पढ़ाई किए ही पास होगें।
आपको बता दें की इस साल COVID-19 के कारण विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों न कोई प्रयोग हुआ, न प्रयोगशाला में बीकर, फ्लास्क व केमिकल का इस्तेमाल हुआ।
बता दें की हफ्ते भर भी छात्र प्रयोगशाला में कदम नहीं रख सके हैं। वहीं, इन छात्रों की थ्योरी की ऑनलाइन क्लास भी नहीं हो पाया हैं।
विश्वविद्यालय पिछड़े हुए सत्र को पकड़ने को लेकर इस बार प्रायोगिक परीक्षा में कुछ बदलाव/परिवर्तन कर दिया हैं।
विश्वविद्यालय की ओर से मिली ताजा जानकारी के अनुसार, अब विश्वविद्यालय स्तर पर प्रयोगिक परीक्षा न होकर, कॉलेज स्तर पर आंतरिक परीक्षा ली जाएगी।
विश्वविद्यालय में लंबित परीक्षाएं को आयोजित करने को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
L.S. College के छात्र मुकेश कुमार बताया कि हमें आगे चलकर P.G. की पढ़ाई करनी है और “Science” के क्षेत्र में आगे बढ़कर जाना है।
लेकिन एक पार्ट में न तो प्रयोगशाला का क्लास हुआ और बिना प्रयोग के हमारी पढ़ाई अधूरा ही रह जाएगी।
उन्होंने बताया कि भले वे कॉलेज के आंतरिक परीक्षा में पास कर जाए, पर केवल पास करना ही उद्देश्य नहीं है।
वहीं, R.D.S. College के छात्र अभय कुमार ने बताया कि आगे “Science” की पढ़ाई के लिए स्नातक आधार होता है और प्रायोशाला का क्लास करना बहुत जरूरी होता है।
बता दें कि इस साल स्नातक- टू व- थ्री की परीक्षा देने वाले छात्रों की पार्ट- वन व- टू की परीक्षा पिछले साल नवंबर व दिसम्बर महीनें में हुई थी।
वहीं, जनवरी में कुछ दिन क्लास चली और उसके बाद इंटर व मैट्रिक परीक्षा शुरू हो गई।
इसके बाद होली की छुट्टी हो गई और इसके बाद COVID-19 के कारण देश लॉकडाउन लग गया।
वहीं, थ्योरी कक्षाएं ऑनलाइन चली, लेकिन प्रायोगिक कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं।