मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह सृजन योजना को बिहार सरकार द्वारा उधोग विभाग कुशल श्रमिको लोगो को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किया जा रहा हैं।
“मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह सृजन योजना” के तहत बिहार सरकार द्वारा कुशल श्रमिको को भवन व कार्यशील पूंजी देने के लिए बिहार राज्य सरकार के द्वारा 10 लाख रुपए तक कि राशि को दिया जाएगा, कम-से-कम 10 कुशल श्रमिक हर समूह में शामिल होंगे।
इसके लिए सामान्य सुविधा केंद्र राज्य के सभी जिलों में स्थापित किया जाएगा, इस योजना का पर्यवेक्षण, संचालन और स्वीकृति जिलापदाधिकारी के अध्यक्षता वाली समिति के द्वारा किया जाएगा।
बिहार के उधोग मंत्री श्याम रजक के द्वारा सभी जिला के महाप्रबंधको को समूह के दक्षता को देखकर उद्योग के चयन में मदद करने का निर्देश दिये है, बता दें कि पहले मुख्यमंत्री क्लस्टर विकास योजना को शुरू किया गया था जिसके तहत प्रत्येक जिलों मे दो या इससे अधिक क्लस्टर बनाया जाना था लेकिन अब इस योजना का नाम बदल दिया गया है जिसका नया नाम “मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन” रखा गया हैं।
इसके लिए एक साल का प्रशिक्षण हैं जरूरी
यह योजना स्वयं सहायता समूह के रूप मे “कुशल श्रमिको” के लिए होगी, जिसके अंतर्गत प्रत्येक समूह में कम-से-कम 10 लोगो को शामिल रहना हैं, ये सभी वैसे लोग होंगें जो एक ही प्रकार के उत्पादन अथवा दूसरे प्रकार के कामो से जुड़ें हो।
बता दें कि इसमें वैसे श्रमिकों को शामिल किया जायेगा जिनके पास किसी तरह के कार्य विशेष का प्रशिक्षण प्राप्त होंगे अथवा उस काम को करने से सम्बंधित कम-से-कम एक वर्ष का अनुभव हों।
भविष्य में समूहों को पीएसयू कम्पनी अथवा एंकर उद्यमी से जोड़ने की कोशिस
आपको बता दें कि विभाग के द्वारा भविष्य में इन समूहों को पीएसयू कम्पनी अथवा एंकर उद्यमी से भी जोड़ने का कोशिश किया जाएगा जिससे कि समूहों को दीर्घकाल के लिए सहायता को प्रदान किया जा सके।
इस सम्बंध में उद्योग मंत्रालय द्वारा जिले के सभी महाप्रबंधको को यह निर्देश दिया गया हैं कि वे विस्तृत कार्ययोजना प्रतिवेदन को तैयार करे।
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जिसमे शेड या भवन का सुदृढ़ीकरण कार्यशील पूंजी एवम मशीनरी का पूरा विवरण भी शामिल होगा। विभाग के द्वारा प्रत्येक जिले में दो-दो केंद्रों को स्थापित करने का भी निर्देश दे दिया गया है जिसके लिए 4 करोड़ की बजट को भी उपलब्ध करवाया गया हैं बता दें कि किश्तों में जिले को यह राशि दिया जाएगा।
योजना की स्वीकृति समिति करेगी
योजना का अनुश्रवण, पर्यवेक्षण, संचालन और स्वीकृति प्रत्येक जिलों में जिलापदाधिकारी के अध्यक्षता मे गठित समिति के द्वारा किया जाएगा। इस समिति में जिला के उद्योग केंद्र महाप्रबंधक सदस्य सचिव, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, जिला योजना पदाधिकारी, श्रमाधीक्षक और एमएसएमई विकास संस्थान के सदस्य होंगे
ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत प्रवासी भी शामिल
संजय कुमार अग्रवाल ( परिवहन सचिव ) के द्वारा सभी एसडीओ ओर डीटीओ को यह निर्देश दिया गया है कि दूसरे राज्यों में जो भी प्रवासी मजदूर ऑटो अठवा अन्य वाहन को चलाकर अपना जीवन चला रहे थे उन्हें “मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना” के तहत चयन कर इस योजना के तहत रोजगार दिया जाएगा ओर ये खुद के वाहन का मालिक बनेंगे।
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