Israel News: हम सभी जानते है कि, इस्लाम मान्यताओं के मुताबिक मार्च यानी पवित्र माह रमजान शुरू होने वाला है. ऐसे में इजरायल सरकार येरूशलम में स्थित अल अक्सा मस्जिद में एंट्री पर रोक लगा सकती है.इसलिए आज हम आप सभी के लिए Israel News लेकर आये है.
हम आप सभी को बता दें कि, अल-अक्सा मस्जिद मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण स्थान है. क्योंकि मक्का और मदीना के बाद मुस्लिम समुदाय इसे ही अपना तीसरा सबसे पवित्र स्थल मानते हैं. यहां तक कि मुस्लिम ही नहीं बल्कि यहूदी और क्रिश्चियन
लोगों में इस स्थल का प्रमुख स्थल मानते है. ऐसा मान्यता है कि, यहां पैगंबर मोहम्मद ने अपना आखिरी समय व्यतीत किया था और यहीं से जन्नत गए थे। वहीं यहूदी इसके एक हिस्से को डोम ऑफ रॉक कहते हैं.
बताते चलें कि, येरूशलम में स्थित अल अक्सा मस्जिद में एंट्री पर पाबंदियों को लेकर इजरायल सरकार विचार विमर्श कर रही है. जिसमें इस मस्जिद और उसके आसपास के जगहों पर इस्लाम, यहूदी और ईसाई मत के अनुयायियों के भिन्य-भिन्य दावे खेलें जा रहे हैं. ऐसे में इजरायल का एक फैसला दुनियाभर के मुसलमानों को चुभने वाला हो सकता है.
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इस संदर्भ में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के तरफ से एक फैसला ले लिया गया है. चूँकि, उन्होंने अभी तक यह नही बताया है कि क्या निर्णय लिया गया है. वही, अल अक्सा मस्जिद में एंट्री के पाबंदियों पर कुछ अधिकारियों ने नाम न बताने के शर्त पर कहा कि, आखिरी फैसला मस्जिद की सुरक्षा में लगी एजेंसियों की सिफारिशों के पश्चात ही लिया जाएगा.
हम आप सभी को यह जानकारी दें कि, बीते रविवार को इजरायल कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें इस बात पर भी मंथन हुआ कि किस तरह स अल अक्सा मस्जिद में एंट्री से अरबों को जाने पर पाबंदी लगाया जाए. वही, इजरायल सरकार ने पहले से ही मस्जिद के एंट्री को लेकर कई पाबंदियां लगाई हुई हैं.
बता दें कि ये पाबंदियां आमतौर पर रमजान के महीने में काफी हद तक हटा दी जाती हैं, परंतु अब की बार उलटे इसपर इजाफा ही हो सकता है. क्योंकि गाजा में युद्ध की शुरुआत होने के बाद से ही इजरायल ने यहां की पाबंदियां को और भी बढ़ा दिया हैं. बताया जा रहा है कि, 10 मार्च से शुरू होने वाले रमजान (Ramadan) के माह में पाबंदियां कुछ कम कर ली जाएंगी,
लेकिन ऐसा होना मुश्किल है क्योंकि इजरायल सरकार इनमें बढ़ोतरी करने जा रही है. वही, इजरायली सेना के पूर्व अफसर डान हारेल ने बताया कि ऐसा कदम उठाना मूर्खता होगा. उनके मुताबिक, इससे तो पूरे मुस्लिम वर्ल्ड में ही एक उबाल पैदा होगा.
इसपर इजरायल के एक अरब मूल के सांसद वलीद अल्हवाशला ने सोशल मीडिया पर बताया कि अगर पाबंदियां लगाई गईं तो फिर यह आग में घी डालने जैसा निर्णय होगा. क्योंकि मुस्लिम मान्यता के मुताबिक अल अक्सा मस्जिद ही वह जगह है, जहां से पैगंबर मुहम्मद जन्नत गए थे.
वहीं इस मस्जिद में प्रत्येक दिन हजारों मुस्लिम पहुँचते हैं और रमजान के महीने में तो आंकड़ा कहीं हद तक हो जाता है. चूँकि यह परिसर संवेदनशील रहा है और अकसर यहां अरबों एवं यहूदियों के बीच झड़पें होती रही हैं.
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