Success Story : आए दिन हम आप सभी के एक से बढ़कर एक सफलता की सच्ची कहानी लेकर आते है। जिससे हम तो प्रभावित होते ही है लेकिन आपको भी अपने जीवन में सफलता हासिल करने के लिए उत्साहित करने की कोशिश करते है। हमें उम्मीद है आपको भी हमारा यह प्रयास बेहतरीन लगता होगा।
इसलिए आज हम आप सभी के बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के एक ऐसे युवा की कहानी लेकर आये है जिसने महज 22 वर्ष की उम्र में अपने परिवार की गरीबी को खत्म करने के साथ अपने जीवन मे सफलता हासिल की है। यदि आप भी Success Story of Ranjit को जानना चाहते है तो हमारे साथ लेख में अंत तक बने रहे।
Success Story of Ranjit
हम आप सभी को बता दें कि, पश्चिम चम्पारण जिले के रहने वाले रंजीत ने अपनी खुद की बेकरी शुरू की है। इसमे चौकने वाली बात यह है कि बेकरी शुरू करने वाले इस युवा के पिता एक छोटे किसान हैं, जो कुछ वक्त पहले तक सब्जियों का कच्चा सौदा कर परिवार चलाया करते थे।
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बता दें कि, संघर्ष भरे जीवन व्यतीत कर रहे इस परिवार की तकदीर में केंद्र सरकार की PMEGP योजना ने अहम भूमिका निभाई है। जानकारी दें कि, इस योजना के सहायता से युवा ने अपने परिवार के साथ-साथ तकरीबन 20 लोगों का जीवन बदल दिया है।
सरकार की इस योजना का लिया सहारा
हम आप सभी को जानकारी दें कि, रंजीत के मुताबिक भारत सरकार की पीएमईजीपी योजना का लाभ उठाने के लिए उन्होंने 2021 में आवेदन दिया था। उस समय वे 12वीं के छात्र थे। 2023 के शुरुआती दौर में उन्हें इस योजना से 20 लाख रुपए का सहयोग राशि मिला। जिसपर उन्हें 35 प्रतिशत की सब्सिडी हासिल की। बता दें कि, रंजीत ने Sarkari Yojana से मिली राशि से खुद की एक बेकरी खोल ली।
रंजीत ने बताया कि, शुरुआती दौड़ में उन्होंने छोटे स्तर पर काम किया। परंतु कुछ ही माह में बाजार में अच्छी डिमांड देख काम के स्तर को कई गुना अधिक बढ़ा लिया। यहां तक कि वर्तमान समय में उनकी बेकरी में करीब 5 प्रकार की बड़ी मशीनें शामिल हैं। जिसके जरिए वे प्रत्येक दिन करीब डेढ़ सौ किलो पाव, टोस्ट एवं अन्य कुकीज तैयार करते हैं।
जिले के कई प्रखंडों में है डिमांड
हम आप सभी को यह भी जानकारी दें कि, जिस रंजीत ने परिवार चलाने के लिए कभी पाई-पाई जोड़ते थे वे आज के समय मे अपनी बेकरी में करीब 20 कारीगरों को रोजगार प्रदान किया है। इन कारीगरों में गांव की 10 महिलाएं भी शामिल हैं।
इन सब मे सबसे अच्छी बात यह है कि ये कारीगर बहुत ही हाइजेनिक तरीके से खाद्य सामग्रियों को बनाते हैं। लिहाजा बाजार में इनके उत्पाद की डिमांड काफी अधिक है।
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सारांश
आज के इस लेख में आप सभी को Success Story के बारे में बताई गई है। जो कि बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के रहने वाला रंजीत की है जिसने महज 22 वर्ष की उम्र में अपने परिवार की गरीबी को खत्म करने के साथ अपने जीवन मे सफलता हासिल की है। अतः हमे उम्मीद हैं की आपको हमारा आज का यह लेख “Success Story” बेहद पसंद आया होगा। हमे उम्मीद हैं कि इस लेख को आप सभी अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करेंगे।
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