France विरोध की आग अब भारत तक पहुंच चुका है. फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron के ‘इस्लामिक कट्टरपंथ की वजह से इस्लाम खतरें में हैं’ संबंधी बयान के खिलाफ देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए.
हालांकि, उत्तर प्रदेश की Yogi Government ने साफ कर दिया कि ऐसे प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किये जाएंगे.
सख्ती से निपटा जाएगा
उत्तर प्रदेश की सरकार ने राज्य में फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शन पर कराई से सख्ती के रुख अपनाया है.
UP DGP कार्यालय की तरफ से जारी अलर्ट में कहा गया है कि हिंसा और उपद्रव करने वालों से बहुत सख्ती से से निपटा जाएगा.
साथ ही राज्य के संवेदनशील जिलों में पेट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश भी दिया गया हैं. योगी सरकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर खास ध्यान रखे हुए है.
भोपाल में प्रदर्शन पर केस
यूपी के बरेली और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बयान के विरोध में प्रदर्शन किया गया. इस दौरान, प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस के विरोध में नारेबाजी भी की.
वहीं, मध्य प्रदेश की राजधानी Bhopal में भी प्रदर्शन हुए. यहां Congress MLA Arif Masood के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ नारे लगाये.
पुलिस ने शांति भंग करने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की उल्लंघन का मामला दर्ज कर लिया है. वहीं, BJP ने कांग्रेस से कट्टरपंथ पर अपनी नीति साफ करने की मांग की है.
मुंबई में पोस्टर चिपकाए
फ्रांस के खिलाफ मुंबई हुए प्रदर्शन में उपद्रवियों ने पोस्टर चिपकाए. यहां के भिवंडी में कट्टरपंथी संगठनों ने फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron के पोस्टर सड़क पर चिपका दिये.
पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिला वह तुरंत मौके पर पहुंच कर सभी पोस्टरों को हटाया.
मालूम हो कि पैगंबर मोहम्मद के कार्टून और फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron के आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ने संबंधी बयान के बाद से कई मुस्लिम देश मोर्चा खोले हुए हैं. फ्रेंच उत्पादों के बहिष्कार का अभियान काफी तेजी से चलाया जा रहा है.
भारत क्यों दे रहा फ्रांस का साथ?
1998 में जब अटलबिहारी वाजपेयी ने “शक्ति 98” नाम से परमाणु परीक्षण किया था, तब पूरी दुनिया ने भारत का विरोध किया था.
पूरी दुनिया ने भारत पर सैंक्शन लगाई थी तब एकमात्र देश फ्रांस था जिसने दुनिया को रोका था और कहा था कि भारत को अधिकार है की वह अपनी सुरक्षा में परमाणु बम रखे.
1999 में पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल की लड़ाई में भी फ्रांस ने भारत को खुलकर मदद किया था.
सरकार किसी की हो, भारत एहसानों को नही भूलता. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में फ्रांस द्वारा किये गए एहसान को अभी की परिस्थितियों को देखते हुए मोदी सरकार ने चुकाया.
जब लगभग सारी दुनिया में फ्रांस बॉयकॉट चल रहा हैं तब भारत खुलकर फ्रांस के समर्थन में आया हैं.