New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि विश्वविद्यालय स्नातक(U.G) और स्नातकोत्तर(P.G.) पाठ्यक्रमों के फर्स्ट व सेकंड ईयर की परीक्षा कराने के लिए स्वतंत्र हैं।
जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने बताया कि U.G.C. ने फर्स्ट और सेकंड ईयर की परीक्षाएं कराने का फैसला विश्वविद्यालयों के विवेक पर छोड़ दिया है।
अगर विश्वविद्यालय परीक्षाएं आयोजित करना चाहते हैं, तो हम उन्हें रोक नहीं सकते। यह न्यायिक समीक्षा का आधार नहीं है।
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी तब कि जब वह फर्स्ट व सेकंड ईयर की परीक्षा कराने के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
आयुष येसुदास नाम के एक छात्र ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि कोरोना की स्थिति अभी खत्म नहीं हुई है. ऐसी स्थिति में परीक्षाएं करना U.G.C. की गाइडलाइन का उल्लंघन है।