BRA Bihar University Muzaffarpur को इससे क्या सिख लेनी चाहिए उसपर भी बात करेंगे.
वैश्विक महामारी कोरोना का असर से शिक्षा व्यवस्था बेहाल हैं, छात्र पढाई किये नही और यूनिवर्सिटी परीक्षा लेने की बात कर रहीं, हालांकि इसी बीच छात्र हिट में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से यह न्यूज़ मिल रहा हैं कि वीसी प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुए बैठक में यह निर्णय लिया गया हैं कि डिग्री पार्ट-वन, टू एवं पीजी द्वितीय सेमेस्टर के छात्रों को परीक्षा नहीं देनी होगी.
इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक डॉ एसएन राय को कुलपति ने तत्संबंधी निर्देश दे दिया हैं. परीक्षा नियंत्रक को स्नातक प्रथम खंड, द्वितीय खंड एवं स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के सभी छात्रों को अगले वर्ग/सेमेस्टर में प्रोन्नति देने के लिए UGC के दिशा निर्देश के आलोक में अंकों के आधार पर सूत्र बनाने को कहा गया हैं.
30 अक्टूबर को परिणाम होगा जारी
फाइनल ईयर के सभी परीक्षाओं का परिणाम निश्चित रूप से 30 अक्टूबर तक प्रकाशित हो जाना चाहिए ऐसा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति का फरमान हैं.
साथ ही उन्होंने कहा यूजीसी ने एक नवंबर से वर्ग शुरू करने का निर्देश दे रखा हैं. इसे लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दें.
छात्र हित को ध्यान में रखकर अधिकारी करें कार्य
वीसी प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हमेशा छात्र के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करें. अगर छात्रों के सभी समस्याओं का समाधान कर दिए जाए तो उन्हें कैंपस आने की और इधर उधर भगदौड़ करने की आवश्यकता नहीं होगी.
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के इस निर्णय से BRA Bihar University को सिख लेने की जरूरत हैं,
LNMU तो छात्र हिट का ख्याल कर रहा BRABU आप किसके हिट का ख्याल कर परीक्षा लेने का निर्णय किये.
इस बात से आप भी अनजान नही की छात्रों की पढ़ाई बिल्कुल भी नही हुई हैं, क्योंकि न ही कोचिंग हुई और न ही क्लास ऐसे में परीक्षा लेने का निर्णय कहां तक उचित हैं.
ऊपर से BRABU का सेशन पहले से ही काफी लेट चल रहा ऊपर से आप परीक्षा लेने का निर्णय कर लिए आपके पुराने रिकॉर्ड से वाकिफ़ हैं आज परीक्षा 6 महीना बाद रिजल्ट.
इतने लेट लतीफे के बाबजूद भी भारी संख्या में छात्रों का रिजल्ट का पेंडिंग आना ये बिहार यूनिवर्सिटी का अचीवमेंट ही तो कहेंगे.
बिहार यूनिवर्सिटी के पास यह अच्छा मौका हैं कि वह भी छात्र हिट को ध्यान में रखते हुए छात्रों की प्रोन्नति कर दें, इससे फायदा यह होगा कि UGC के गाइडलाइन का पालन भी हो जाएगा और लेट से चल रहा सेशन भी मेंटेन हो जाएगा.
बिहार यूनिवर्सिटी को एकबार पुनः अपने निर्णय पर विचार जरूर करना चाहिए.