पटना: बिहार सरकार ने प्रारंभिक विद्यालयों में होने वाले शिक्षकों की बहाली को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार के लिए गए इस फैसले के मुताबिक केवल बिहार के निवासी ही प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक बन सकेंगे।
बिहार राज्य के सभी 72 हजार के करीब सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक के पदों पर सिर्फ और सिर्फ बिहार के निवासियों की ही बहाल होगी।
सरकार का फैसला आते ही बिहार के इन सभी स्कूलों में दूसरे राज्यों से आने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों का राज्य में शिक्षक बनने का रास्ता बंद हो चुका है। शिक्षा विभाग ने इस प्रावधान को लागू भी कर दिया है।
बता दें, कि 2006 से राज्य में लागू माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में यह व्यवस्था लागू है. इसके तहत बिहार के हाईस्कूल और प्लस टू में केवल बिहार के निवासी की ही नियुक्त हो रही हैं।
शुरुआत में प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन नियमावली में इसी प्रावधान को लागू किया गया था, लेकिन वर्ष 2012 से लागू नियोजन नियमावली में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं होने के कारण दूसरे राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थी खासकर बॉर्डर इलाकों में पड़ोसी राज्यों के भी कुछ शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्त हो गई हैं.
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अब जबकि नियोजित शिक्षकों को नियुक्त किये जाएंगे और उनकी तनख्वाह भी काफी अच्छी हो गई है,
ऐसे में प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्त के लिए शिक्षा विभाग ने करीब आठ वर्षों के बाद एक बार फिर से बिहारी अभ्यर्थियों के लिए ही 72 हजार प्रारंभिक स्कूलों में नियुक्ति का अवसर को केन्द्रित कर दिया है.