Manisha Valmiki Rape & Murder : निर्भया रेप केस 2012 में सामने आया था, निर्भया को कुछ महीनों पहले ही इंसाफ मिला था. निर्भया के गुनहगारों को फांसी दिए हुए अभी 1 साल भी पूरा नहीं हुआ है, लेकिन बड़े दुख के साथ यह बताना पड़ रहा हैं कि निर्भया जैसा ही एक और मामला सामने आ चुका हैं. बहन-बेटियों पर दरिंदो का वही साया फिर से मंडराया है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के 19 वर्ष की दलित युवती Kumari Manisha Valmiki 14 सितंबर 2020 की सुबह खेतों में काम करने जा रही थी, पहले से हीं खेत में चार युवक छुप कर बैठे थे.
उन चारों दरिंदों से बचने का भरपूर प्रयास मनीषा ने किया था, लेकिन उन चारों दरिंदों के हैवानियत से मनीषा नही बच पाई. चारों ने मिलकर मनीषा के साथ दुष्कर्म किया उसके बाद साथ जीभ काट दिया, गले की हड्डी तोर दी, हाथ और पाओ को भी तोड़ दिया. हैवानियत की सारे हदे पर कर देने वाली यह घटना सुनने में ही बेहद भयानक लगता है, तो सोचिए उस 19 वर्षीय दलित युवती पर क्या बीती होगी.
पुलिस ने चारों बलात्कारियों को हिरासत में ले लिया है, सोशल मीडिया हो या फिर बॉलीवुड इंडस्ट्री सभी जगह Manisha Valmiki Rape पर चर्चाएं की जा रही हैं. इस घटना से सभी आक्रोशित है, सोशल मीडिया व विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से इंसाफ की मांग की जा रही है.
#JusticeForManisha हैश टैग चलाया जा रहा है, चारों अपराधियों की फांसी की मांग देश की जनता कर रही है,
लोग चाहते हैं कि मनीषा को जल्द से जल्द इंसाफ मिले ना कि निर्भया केस की तरह इंसाफ के लिए कई सालों तक इंतजार करना परें. इस पूरे प्रकरण की तुलना निर्भया केस से भी किया जा रहा हैं. निर्भया की मां इस मामले पर आवाज उठाते हुए एक वीडियो भी साझा की हैं.
वहिं इसपर विश्व हिन्दू सेना (Vishwa Hindu sena) के अध्यक्ष अरुण पाठक का एक वीडियो में उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार (Yogi government) पर निशाना साधते हुए यह घोषणा कर कहा गैंगरेप के आरोपियों का गुप्तांग काटने वाले को 25 लाख रुपये इनाम देंगे.
कैसे हुआ अंतिम संस्कार
पंद्रह दिन पहले गैंगरेप का शिकार हुई पीड़ित युवती की सोमवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में करीब तीन बजे मौत हो गई थी. पीड़ित के परिजन मंगलवार शाम अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए थे.
रात में ही अपनी गाड़ी से यूपी पुलिस हाथरस ले गई. बीती रात करीब ढाई बजे पुलिस ने गांव में लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया. परिजनों और पत्रकारो को दूर रखने के लिए पुलिस ने मानव श्रृंखला बना लिया था.
अंतिम संस्कार वाली जगह के पास किसी को भी नहीं जाने दिया गया था. ऐसा करके पुलिस ने रीति-रिवाजों का उल्लंघन किया है गांव वालों का कहना हैं.
अंतिम संस्कार करने के लिए पीड़ित के शव को जब ले जाया जा रहा था तो गांववालों ने वाहन को रोकने का प्रयास किया था.
गाड़ी के बोनट से भी कुछ लोग चिपक गए थे, लेकिन पुलिस उन्हें जबरन हटाते हुए अंतिम संस्कार स्थल तक वाहन को ले गए और जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
पुलिस की भूमिका पर सवाल
पीड़ित के परिजन पुलिस पर मामलें को रफा-दफा करने का आरोप लगा रही हैं. परिजनों का कहना हैं कि जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर पुलिस ने उसके दोबारा पोस्टमॉर्टम की संभावना को ही खत्म कर दिया हैं..
पीड़ित के भाई ने कहा कि ये जबर्दस्ती इसीलिए की जा रहीं हैं क्योकि हम दलित हैं. पहले बहन का गैंगरेप किया गया, अपराधियों के गिरफ्तारी में कोताही की गई और अब अंतिम संस्कार के दौरान ये सब किये गए.
हमारे लिए अब सभी रास्ते बंद किए जा रहे हैं, गांव से पलायन करने के लिए मजबूर किये जा रहें हैं. इस प्रकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात कर दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए की बात कही हैं.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 30, 2020
जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया।
पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का..1/2
हाथरस के घिनौने, दिल को दहला देने वाले सामूहिक बलात्कार की पीड़िता.. एक और निर्भया ने आज सुबह दम तोड़ दिया.. हमारी हैवानियत का कोई अंत नहीं है। हम एक बीमार अमानवीय समाज बन चुके हैं।। शर्मनाक. दुःखद
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 29, 2020
???????????????? #JusticeForHathrasVictim