Sarkari Naukri : बिहार के बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छी खबर हैं. बिहार सरकार आने वाले कुछ ही महीनों में बड़े पैमाने पर सरकारी विभागों कर्मचारियों की बहाली करेगा.
बिहार में सरकार बनते ही सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्षो से उनके यहां खाली पड़े पदों का ब्योरा मांगा हैं. इसी के साथ चुनाव में Naukri का जो मुद्दा था उस पर काम शुरू हो गया है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग के प्रमुखों को जानकारी उपलब्ध कराने को कहा हैं. पत्र में साफ साफ कहा गया है कि विभागीय प्रमुख बतायें कि उनके यहां सभी स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने पदों पर संविदा अथवा नियोजन द्वारा कितने लोग काम कर रहे हैं.
पहले से नियुक्त लोगों के अलावे कितने पद अभी खाली पड़े हैं जिन पर संविदा के आधार पर नियुक्ति किया जाना है. संविदा अथवा नियोजन के लिए प्रक्रियाधीन पदाधिकारियों और कर्मियों की संख्या कितना है.
सरकार ने अपने अधिकारियों को यह भी कहा है कि रिटायर कर्मियों का संविदा नियोजन छोड़कर अन्य सभी विभाग में खाली पदों का ब्योरा सर्वोच्च प्राथमिकता देकर इसे तुरंत उपलब्ध कराया जाए.
सरकार के इस पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2007 में राज्य सरकार ने सरकारी दफ्तरों में संविदा के आधार पर खाली पड़े पदों पर नियुक्ति का फैसला लिया था
और इसकी नियमावली भी बनायी गयी थी. इसके आधार पर संविदा पर नियुक्तियां की गयीं थी. लेकिन अब भी कई ऐसे पद खाली पड़े हैं. खाली पड़े पदों पर संविदा पर नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र पूरा किया जाना हैं. तत्काल सभी विभाग इसके बारे में जानकारी दें.
बता दें कि इस बार बिहार में हुए चुनाव में Sarkari Naukri और Rojgar बड़ा मुद्दा बन गया था. विपक्ष ने Rojgar के मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार की सरकार को जमकर घेराव किया था.
तेजस्वी यादव ने तो यह ऐलान कर दिया था कि वें पहली कैबिनेट में ही 10 लाख Sarkari Naukri देंगे. BJP ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में 19 लाख Berojgar को Rojgar देने की बात कही थी.
लेकिन नीतीश कुमार अपने हर चुनावी सभाओं में यह जरुर कहते थे कि एक साथ 10 लाख लोगों को Sarkari Naukri नहीं दिया जा सकता.