एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ऊर्जा के क्षेत्र में काफी समय से काम कर रहा है अब इसका योजना गांवो मे बिजली बचाने के लिए है.
ईईएसएल जल्द ही कम बिजली और कम बिल आए उसके लिए जल्द ही ग्रामीण उजाला कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है.
क्या है योजना
सौरभ कुमार जो ईईएसएल के प्रबंधक निदेशक है उन्होंने कहा है कि गाँव मे प्रत्येक परिवार को 10 रुपये मे 3 से 4 एलईडी बल्ब देना है. निदेशक कुमार ने बताया की देश मे करीब 15 करोड़ गरीब परिवार है जिनके बीच बल्ब का वितरण किया जाएगा.
उन्होने कहा कि बिजली के अंतर्गत आने वाले उपक्रमो जैसे – एनटीपीसी, पीएफसी, आरईसी और पॉवर ग्रिड की कम्पनी ईईएसएल की योजना मे 50 करोड़ बल्ब का वितरण किया जाना है जिससे 12 हजार मेगावाट बिजली की बचत होगी वहीं 5 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी.
पहले भी चल चुका है योजना
ईईएसएल इस उजाला योजना के शुरुआत मे 70 रुपये प्रति बल्ब के हिसाब से 36 करोड़ बल्ब का वितरण किया जा चुका है लेकिन ग्रामीण इलाकों में केवल 20 प्रतिशत ही वितरण हो पाया है.
सौरभ कुमार ने बताया कि एकबार फिर से हम इस योजना को शुरू करने जा रहे है इसको शुरू करने के लिए कार्य किया जा रहा है और इस बार प्रत्येक परिवार वालो को 10 रुपये मे 3 से 4 बल्ब दिया जाएगा.
इस योजना को चरणबध्द तरीके से 3 से 6 महीने मे देश के प्रत्येक गांवों मे उजाला योजना लागू कर दिया जाएगा जिसमे प्रत्येक व्यक्ति को एलईडी बल्ब मिल सके.
कैसे मिलेगा LED Bulb
ईईएसएल के प्रबंधक निदेशक सौरभ कुमार ने बताया की इस योजना को शुरू करने के लिए केंद्र या राज्य सरकार से कोई सब्सिडी नही लिए जाएंगे इसपर जितना भी खर्च आएगा ईईएसएल उठायेगा.
उन्होने कहा कि वे पैसे कार्बन ट्रेडिंग के माध्यम से वसूल करेंगे कुमार ने बताया कि हम अगर गाँव मे तीन बल्ब देंगे तो उसके बदले तीन पुराने बल्ब भी लेंगे,
संग्रह करने के बाद देखा जाएगा की कितना बल्ब आया और उसमे कितना पुराना बल्ब है. यह सब (जलवायु परिवर्तन पर संयुक्तराष्ट्र मसौदा के तहत आने वाली स्वच्छ विकास प्रणाली के अंतर्गत) मंजूरी दी है और इसमें प्रमाणपत्र भी मिलता है
जिसका विकसित देशों मे बहुत मांग है जिसको बेच कर एलईडी बल्ब का दाम वसूला जा सकता है. यह पूछा गया कि कंपनी पहले इस योजना को लागू की थी तो उन्होने कहा की उजाला योजना के तहत 70 रुपये मे 36 करोड़ बल्ब वितरित किया था लेकिन उसमे गांवो की हिस्सेदारी केवल 20 प्रतिशत दर्ज की गई है.
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सबसे बडी वजह है इसमे लगने वाली लागत
गांवो मे एक एलईडी की कीमत 70 रुपया बहुत ज्यादा है. आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, और पुडुचेरी मे सब्सिडी देते हुए 10 रुपये प्रति बल्ब बेचा गया था
जिसकी वजह से ईन राज्य के गांवो मे 95 प्रतिशत तक बल्ब पहुच गया है. पूरे देश के गांवो मे 50 करोड़ उच्च गुणवत्ता के बल्ब वितरण से बिजली मे 12 हजार मेगावाट की कमी आएगी और ग्राहको के बिजली बिल 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये सलाना बचत होगी और साथ ही 5 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन मे कमी आएगी.
एलईडी बल्ब की मांग बढ़ने से उसका निवेश भी बढ़ेगा. कुमार से पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि कार्बन ट्रेडिंग और प्रमाणपत्र का मामला संयुक्तराष्ट्र का है जिसमे समय लगता है और बहुत जल्द ही पूरा होने वाला है हमे आशा है कि 2 महीने के भीतर हमे मंजूरी मिल जाएगा.
कुमार ने कहा कि अगर हमारा उजाला योजना सफल हो जाता है तो हम उसी योजना के तहत सस्ती दर पे पंखा और ट्यूबलाइट भी देंगे. ईईएसएल के प्रबंधक निदेशक सौरभ कुमार ने बताया कि हम उजाला योजना के तहत बल्ब के साथ पंखा ट्यूबलाइट भी दे चुके है.
इस योजना से अलग एसएलएनपी (स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम) ईवी चार्जिंग,स्मार्ट मीटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल आदि की सुविधा भी दी जा रहीं है
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Team || Gopal Kumar