MUZAFFARPUR: दलित की हत्या होने पर घर के एक सदस्य को नौकरी मिलने का हैैं मामला, कोर्ट 14 सितंबर को यह फैसला करेगा कि मुख्यमंत्री नीतीश के खिलाफ केस चलेगा या नहीं.
4 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश सरकार ने यह फैसला किया था कि दलित की हत्या होने पर घर के किसी एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी,
इसे लागू करवाने के लिए नीतीश कुमार ने अफसरों से जल्द कानून बनाने को कहा हैं, विपक्षियों का आरोप हैं कि दलितों की हत्या को बढ़ावा देना चाहते हैं सीएम नीतीश कुमार.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ भीखनपुरा निवासी गौरव कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में यह परिवाद दायर करवाया हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर यह आरोप है कि वे राज्य में जातीय उन्माद को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
14 को होगा फैसला-नीतीश पर केस चलेगा या नहीं
परिवाद दायर करने वाले गौरव कुमार सिंह ने यह बताया कि किसी भी नौकरी का आधार हत्या नहीं हो सकता है.
ऐसे में नीतीश कुमार ने इस तरह की घोषणा करके राज्य में जातीय उन्माद को फैलाने की कोशिश की है. इस तरह का फैसला करना दलितों का भी अपमान है.
इस फैसले से सभी मर्माहत है. बता दें कि अब कोर्ट 14 सितंबर को यह फैसला करेगी कि नीतीश के खिलाफ केस चलेगा अथवा नहीं.
बिहार में दलित परिवार के किसी शख्स की हत्या तो एक सदस्य को मिलेगी नौकरी
बता देें की बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव से पहले अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के लिए एक बड़ा फैसला लिया है.
इस फैसले के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति (SC-ST) परिवार के किसी व्यक्ति की हत्या होने पर उनके परिवार के किसी एक सदस्य को सरकार नौकरी देगी.
इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अफसरों को तत्काल कानून बनाने को भी कहा है.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश के इस फैसले का बाद विपक्ष के तेवर तल्ख हैं. विपक्षियों का कहना है कि इस तरह के फैसले को लेकर नीतीश कुमार बिहार में दलितों की हत्या के बढ़ावा देना चाह रहें है.
Input : Dainik Bhaskar