Saturday, July 27, 2024
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छठ पूजा को लेकर बिहार सरकार ने जारी किया ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए गाइडलाइन

Chhath Puja Guidelines 2020 : दीपावली के बाद छठ पूजा की तैयारी किया जा रहा हैं. कोरोना काल में आस्था के इस महापर्व को लेकर प्रशासन के तरफ से भी तैयारी केयाा जा किया जा रहा हैं.

बिहार सरकार के तरफ से रविवार को हो रहे छठ पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया गया है. सरकार के तरफ से जारी इस दिशानिर्देश के अनुसार अर्घ्य के दौरान तालाब में डुबकी नहीं लगाने का निर्देश दिया गया है.

इतना ही नहीं जिला प्रशासन को यह भी कहा गया है कि ‘छठ घाट पर इस तरीके से बैरेकेटिंग किया जाए कि छठ व्रती डुबकी न लगा सकें.’

इस साल 18 नवंबर से आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो रहा है. 18 नवंबर को नहाय खाय है, 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को संध्या यानी कि पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को उषा मतलब दूसरा अर्घ्‍य के साथ पूजा का समापन हो जाएगा.

लेकिन इस कोरोना काल होने की वजह से छठ व्रतियों के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. गाइडलाइन के अनुसार अगर तालाब किनारे पूजा करने जाते हैं, तो अर्घ्य के दौरान उसमें डुबकी नहीं लगाने का आग्रह किया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के तरफ से छठ पर्व में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किया गया हैं. बिहार सरकार के तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति,

60 साल से ऊपर के व्यक्ति, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह दिया गया है.

इसके साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करना और दो गज की दूरी को अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दिया गया हैं.

यहां पढ़िए पूरी गाइडलाइन –

1. जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि स्थानीय छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाईयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से समन्वय स्थापित करने हेतु बैठकें आयोजित कर coviD-19 संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेशों का प्रर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए।

2. सामान्यतः गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे अवस्थित घाटों पर छठ पर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है. जिसके दौरान दो व्यक्तियों के बीच सामाजिक दूरी का अनुपालन करा पाना कठिन है।

अतः लोगों को अधिकाधिक रूप से प्रेरित किया जाय कि अपने घरों पर ही छठ पूजा करें। गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों एवं तालाब घाटों पर covip-19 के संक्रमण के फैलाव को रोकने हेतु छठ पर्व के दौरान सुबह एवं शाम को दिए जाने वाले अर्घ्य को घर पर ही करने की सलाह दी जाय।

3. महत्वपूर्ण नदियों से व्रती यदि पूजा हेतु जल लेकर जाना चाहें तो जिला प्रशासन द्वारा इसको विनियमित (Regulate) करते हुए जल ले जाने हेतु आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया के दौरान भी मास्क का उपयोग एवं Social Distancing का अनुपालन किया जाना चाहिए।

4. ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में अवस्थित छोटे तालाबों पर छठ महापर्व के आयोजन के दौरान मास्क के प्रयोग एवं सोशल डिसटेंसिंग के मानकों का अनुपालन कराया जाना चाहिए।

5. ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरों में अवस्थित तालाबों जहाँ अर्घ्य की अनुमति दी जाएगी, वहाँ अध्र्य के पूर्व एवं पश्चात् सैनिटाईजेशन का कार्य नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाना चाहिए। इस हेतु नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पंचायती राज विभाग द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किया जाना चाहिए।

6. विभिन्न स्तरों पर छठ पूजा समितियों / मेला समितियों के साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बैठक का आयोजन किया जाना चाहिए. जिसमें coviD-19 के संक्रमण के विभिन्न पहलुओं एवं बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में अवगत कराया जाना चाहिए।

7. (क) जिन तालाबों पर अध्ध्य की अनुमति दी जाए, वहाँ coviD-19 से संबंधित जागरूकता फैलाने की भी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस हेतु आवश्यक प्रचार-प्रसार समाग्री का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से भी जागरूकता उत्पन्न किया जाना चाहिए।

(ख) छठ पूजा के आयोजकों/कार्यकर्ताओं एवं उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा।

(ग) छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाली सतहों, यथा-बैरीकेडिंग आदि को समय-समय पर साफ एवं प्रभावी कीटाणुनाशक से विसंक्रमित किया जाए।

(घ) आम जन को खतरनाक घाटों के बारे में समाचार माध्यमों से सूचना दी जाए ताकि अधिक भीड़-भाड़ की स्थिति न बने।

(ड.) छठ पूजा घाट पर यत्र-तत्र थूकना सर्वथा वर्जित होगा।

(च) तालाब में अर्घ्य देने के दौरान डूबकी न लें। बैरिकेडिंग इस प्रकार की जाय कि लोग डूबकी न लगा सकें।

(छ) छठ पूजा घाट पर बैठने या खड़े रहने की व्यवस्था इस तरह से की जाएगी, ताकि पर्याप्त सामाजिक दूरी बनी रहे। दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन किया जायं एवं मास्क का प्रयोग किया जायं।

(ज) छठ पूजा घाट के आस-पास खाद्य पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जायेगा।

(झ) कोई सामुदायिक भोज/प्रसाद या भोग का वितरण नहीं किया जाएगा।

8. छठ पूजा के दौरान 60 वर्ष से अधीक उम्र के व्यक्ति, 10 वर्ष के कम उम्र के बच्चे, बुखार से ग्रस्त व्यक्ति एवं अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि वे छठ घाट पर न जायं।

इस अवसर पर किसी प्रकार के मेला (Fair)/ जागरण/सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।

9. छठ पूजा के आयोजकों एवं प्रशासन द्वारा पर्याप्त सेनिटाईजर की व्यवस्था की जायेगी। छठ पूजा हेतु वाहनों के प्रयोग को यथासंभव विनियमित किया जायेगा।

13. मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों / बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी साथ ही NDRF/SDRF का भी आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

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छठ पूजा को लेकर बिहार सरकार ने जारी किया ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए गाइडलाइन
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Chhath Puja Guidelines 2020 : दीपावली के बाद छठ पूजा की तैयारी किया जा रहा हैं. कोरोना काल में आस्था के इस महापर्व को लेकर प्रशासन के तरफ से भी तैयारी केयाा जा किया जा रहा हैं.

बिहार सरकार के तरफ से रविवार को हो रहे छठ पूजा को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया गया है. सरकार के तरफ से जारी इस दिशानिर्देश के अनुसार अर्घ्य के दौरान तालाब में डुबकी नहीं लगाने का निर्देश दिया गया है.

इतना ही नहीं जिला प्रशासन को यह भी कहा गया है कि ‘छठ घाट पर इस तरीके से बैरेकेटिंग किया जाए कि छठ व्रती डुबकी न लगा सकें.’

इस साल 18 नवंबर से आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो रहा है. 18 नवंबर को नहाय खाय है, 19 नवंबर को खरना, 20 नवंबर को संध्या यानी कि पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को उषा मतलब दूसरा अर्घ्‍य के साथ पूजा का समापन हो जाएगा.

लेकिन इस कोरोना काल होने की वजह से छठ व्रतियों के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है. गाइडलाइन के अनुसार अगर तालाब किनारे पूजा करने जाते हैं, तो अर्घ्य के दौरान उसमें डुबकी नहीं लगाने का आग्रह किया गया है.

स्वास्थ्य विभाग के तरफ से छठ पर्व में कोरोना महामारी से बचाव को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किया गया हैं. बिहार सरकार के तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति,

60 साल से ऊपर के व्यक्ति, 10 साल से कम उम्र के बच्चे और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह दिया गया है.

इसके साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करना और दो गज की दूरी को अनिवार्य रूप से पालन करने की सलाह दिया गया हैं.

यहां पढ़िए पूरी गाइडलाइन –

1. जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि स्थानीय छठ पूजा समितियों, नागरिक इकाईयों, वार्ड पार्षदों, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से समन्वय स्थापित करने हेतु बैठकें आयोजित कर coviD-19 संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत निदेशों का प्रर्याप्त प्रचार प्रसार किया जाए।

2. सामान्यतः गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों के किनारे अवस्थित घाटों पर छठ पर्व के दौरान अत्यधिक भीड़ होती है. जिसके दौरान दो व्यक्तियों के बीच सामाजिक दूरी का अनुपालन करा पाना कठिन है।

अतः लोगों को अधिकाधिक रूप से प्रेरित किया जाय कि अपने घरों पर ही छठ पूजा करें। गंगा नदी एवं अन्य महत्वपूर्ण नदियों एवं तालाब घाटों पर covip-19 के संक्रमण के फैलाव को रोकने हेतु छठ पर्व के दौरान सुबह एवं शाम को दिए जाने वाले अर्घ्य को घर पर ही करने की सलाह दी जाय।

3. महत्वपूर्ण नदियों से व्रती यदि पूजा हेतु जल लेकर जाना चाहें तो जिला प्रशासन द्वारा इसको विनियमित (Regulate) करते हुए जल ले जाने हेतु आवश्यक व्यवस्था की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया के दौरान भी मास्क का उपयोग एवं Social Distancing का अनुपालन किया जाना चाहिए।

4. ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरी क्षेत्रों में अवस्थित छोटे तालाबों पर छठ महापर्व के आयोजन के दौरान मास्क के प्रयोग एवं सोशल डिसटेंसिंग के मानकों का अनुपालन कराया जाना चाहिए।

5. ग्रामीण क्षेत्रों एवं शहरों में अवस्थित तालाबों जहाँ अर्घ्य की अनुमति दी जाएगी, वहाँ अध्र्य के पूर्व एवं पश्चात् सैनिटाईजेशन का कार्य नगर निकाय एवं ग्राम पंचायत द्वारा कराया जाना चाहिए। इस हेतु नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पंचायती राज विभाग द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किया जाना चाहिए।

6. विभिन्न स्तरों पर छठ पूजा समितियों / मेला समितियों के साथ प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा बैठक का आयोजन किया जाना चाहिए. जिसमें coviD-19 के संक्रमण के विभिन्न पहलुओं एवं बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में अवगत कराया जाना चाहिए।

7. (क) जिन तालाबों पर अध्ध्य की अनुमति दी जाए, वहाँ coviD-19 से संबंधित जागरूकता फैलाने की भी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस हेतु आवश्यक प्रचार-प्रसार समाग्री का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से भी जागरूकता उत्पन्न किया जाना चाहिए।

(ख) छठ पूजा के आयोजकों/कार्यकर्ताओं एवं उससे संबंधित अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा।

(ग) छठ पूजा घाट पर अक्सर स्पर्श की जाने वाली सतहों, यथा-बैरीकेडिंग आदि को समय-समय पर साफ एवं प्रभावी कीटाणुनाशक से विसंक्रमित किया जाए।

(घ) आम जन को खतरनाक घाटों के बारे में समाचार माध्यमों से सूचना दी जाए ताकि अधिक भीड़-भाड़ की स्थिति न बने।

(ड.) छठ पूजा घाट पर यत्र-तत्र थूकना सर्वथा वर्जित होगा।

(च) तालाब में अर्घ्य देने के दौरान डूबकी न लें। बैरिकेडिंग इस प्रकार की जाय कि लोग डूबकी न लगा सकें।

(छ) छठ पूजा घाट पर बैठने या खड़े रहने की व्यवस्था इस तरह से की जाएगी, ताकि पर्याप्त सामाजिक दूरी बनी रहे। दो गज की दूरी का अनिवार्य रूप से पालन किया जायं एवं मास्क का प्रयोग किया जायं।

(ज) छठ पूजा घाट के आस-पास खाद्य पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जायेगा।

(झ) कोई सामुदायिक भोज/प्रसाद या भोग का वितरण नहीं किया जाएगा।

8. छठ पूजा के दौरान 60 वर्ष से अधीक उम्र के व्यक्ति, 10 वर्ष के कम उम्र के बच्चे, बुखार से ग्रस्त व्यक्ति एवं अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि वे छठ घाट पर न जायं।

इस अवसर पर किसी प्रकार के मेला (Fair)/ जागरण/सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।

9. छठ पूजा के आयोजकों एवं प्रशासन द्वारा पर्याप्त सेनिटाईजर की व्यवस्था की जायेगी। छठ पूजा हेतु वाहनों के प्रयोग को यथासंभव विनियमित किया जायेगा।

13. मजिस्ट्रेट एवं पुलिस पदाधिकारियों / बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी साथ ही NDRF/SDRF का भी आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

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