Petrol Pump Scam : पेट्रोल भराने से पहले Fuel Dispenser Machine पर ‘जीरो’ देख लिया करना, Petrol Pump पर ये काम हम आमतौर पर करते ही हैं.
और करना भी चाहिए. लेकिन एक और जरूरी चीज हैं जिसे देखने की हम जहमत नहीं उठाते हैं. जीरो नहीं देखने से यह हो सकता है Petrol भरने वाला कुछ खेला कर जाए
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और Petrol की मात्रा कम मिले, लेकिन हम जिस चीज के तरफ ध्यान दिलाना चाहते है, उसे नहीं करने पर यह भी हो सकता है की गाड़ी ही खराब हो जाए.
हम बात कर रहे हैं डेंसिटी की, जिसका सीधा-सीधा संबंध Petrol/Diesel की शुद्धता से रहता है.
बताते चले कि इसके मानक खुद भारत सरकार ने तय कर रखें हैं. क्या हैं ये शुद्धता का पैमाना और आप इसे कैसे चेक कर सकते हैं, वो हम आपको आगे बताएंगे.
पेट्रोल-डीजल की डेंसिटी चेक करना क्यों जरूरी?
अक्सर Petrol Pump पर Petrol/Diesel भरवाते समय कभी न कभी हमारे दिमाग में फ्यूल की क्वालिटी को लेकर सवाल जरूर आते हैं.
तब हम सोच रहे होते हैं कि कहीं इस Petrol या फिर Diesel में कोई मिलावट तो नहीं की गई हैं. आप अपने इस सवाल का जवाब बड़े ही
आसानी से पा सकते हैं अगर आप Petrol-Diesel की डेंसिटी चेक करना शुरू कर दें. Petrol या Diesel की शुद्धता की जांच उसकी डेंसिटी से की जाती हैं.
इतनी होनी चाहिए डेंसिटी
दरअसल, भारत सरकार द्वारा Petrol और Diesel की एक स्टैंडर्ड वैल्यू तय किया जाता हैं. अगर Petrol और Diesel भरवाते वक्त ये डेंसिटी तयशुदा रेंज में हैं
तो Petrol और Diesel शुद्ध है. Petrol की शुद्धता डेंसिटी 730 से 800 kg/m3 के बीच होती है. वहीं, डीजल की शुद्धता डेंसिटी 830 से लेकर 900 kg/m3 के बीच रहती है.
अगर Petrol भरवाते वक्त आप डेंसिटी चेक कर रहे है और डेंसिटी की वैल्यू तयशुदा रेंज से ज्यादा या फिर कम हैं तो Petrol या Diesel में मिलावट किया गया है.
बता दें, Petrol और Diesel की डेंसिटी तापमान के हिसाब से भी बदलती है. Petrol और Diesel की डेंसिटी टेस्ट करने के उपरांत रोजाना सुबह Petrol Pump द्वारा अपडेट की जाती है.
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