World famous Sonpur Mela closed indefinitely : सोनपुर मेला बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा में लगता हैं. यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं. मेले को ‘हरिहर क्षेत्र मेला’ के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला भी कहते हैं. हरिहर क्षेत्र में आयोजित विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले शुरू हो चुकी है. इस मेला का उद्घाटन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दो दिन पहले ही किया है.
हम आप सभी को बता दे कि इस बीच सोनपुरवासियों और व्यवसयियों ने 02 दिसंबर से अनिश्चितकाल तक Sonpur Mela को बंद करने का आह्वान किया है. इसका मुख्य कारण सोनपुर मेला में अभी तक थियेटर ,झुला एवं मौत का कुआँ को लाइसेंस नहीं मिलना है.सोनपुर चिड़ैया मठ पर सोनपुर के ग्रामीणों एवं व्यापारियों के द्वारा एक आवाज़ उठाया गया. इस मामले को लेकर आज एक बैठक आयोजित की गयी.
![World famous sonpur mela 1 World famous sonpur mela 1](https://nearnews.in/wp-content/uploads/2023/12/World-famous-Sonpur-Mela-1.jpg)
व्यवसायियों ने कहा जब राजगीर मलमास मेला में उद्घाटन से ही थियेटर, झुला एवं मौत का कुआँ को लाइसेंस मिला तो सोनपुर (World famous Sonpur Mela) में दोहरी नीति क्यों अपनाईं जा रही है यही कारण है कि कल दिनांक-02-12-2023 से सोनपुर मेला को बंद करने का आह्वान किया गया है.
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सभी प्रकार के लाइसेंस दिए जाएं
हम आप सभी को बता देना चाहते हैं कि, स्थानीय लोगों की मांग है कि राजगीर मलमास मेले की तर्ज पर हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला (World famous Sonpur Mela) में भी उद्घाटन के समय से ही सभी तरह के लाइसेंस दिए जाएं. पर्यटकों की गाड़ी को मेला में लगे स्टैंड तक आने दिया जाए. इसके साथ ही
व्यापारियों के सामानों की गाड़ी को समयावधि तय कर सोनपुर मेला (World famous Sonpur Mela) में लाने दिया जाए. विभिन्न चौक चौराहे से ग्रामीणों को सुविधानुसार गांव में प्रवेश करने की अनुमति मिले.
मेला अवधी बढ़ाकर की जाए भरपाई
हम आप सभी को बता देना चाहते हैं कि, लोगों का कहना है कि सोनपुर मेला (World famous Sonpur Mela) में अभी तक थियेटर, झुला एवं मौत का कुआँ को लाइसेंस नहीं दिए जाने से होने वाले आर्थिक नुकसान का भरपायी मेला अवधि बढ़ाकर की ज. मेला में लगे खेल तमासे, झूला, मारुती कुआं सर्कस, थियेटर आदि को मेला अवधि तक एक मुस्त लाइसेंस दिया जाए.
गरीब दुकानदारों जो फेरी, ठेला-खोमचा लगाते उन्हें भी मेला में दुकान लगाने दिया जाए. पारम्परिक शस्त्रों जैसे- तलवार, बरछी, भाला इत्यादि बेचने पर से प्रतिबंध हटाया जाए.
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