Bihar Land Survey 2024: अगर आप बिहार के रहने वाले हैं तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए है दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में भूमि सर्वेक्षण से जुड़ी एक महत्वपूर्ण और भूस्वामियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। सरकार का यह निर्णय उन भूमि मालिकों को राहत देगा,
HIGHLIGHTS
जिनके ऑनलाइन जमाबंदी रिकॉर्ड में किसी तरह की कोई त्रुटि या समस्या आ रही थी. बिहार सरकार के इस नए आदेश के तहत, अगर आपके द्वारा किए गए ऑनलाइन जमाबंदी में कोई गलती होती है और इसे ठीक करने में विलंब होता है, तो भूमि मालिक ऑफलाइन दस्तावेज प्रस्तुत करके अपना सर्वे कार्य पूरा करवा सकेंगे.
क्या आपके ऑनलाइन जमाबंदी में कोई त्रुटियों है
हम आपको बता दें कि, इस फैसले की जानकारी सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अजय कुमार ने देते हुए बताया कि, यदि ऑनलाइन जमाबंदी रिकॉर्ड में किसी प्रकार की कोई त्रुटि है और आपको उसे ठीक करने में परेशानी आ रही है, तो अब आपको परेशान होने की जरुरत नहीं होगी.
आपको केवल अपने पंचायत सर्वेक्षण कार्यालय में आयोजित कैंप जाना होगा और जरूरी दस्तावेजों के साथ सर्वेक्षण प्रपत्र-2 (Form-2) को भरकर जमा करना होगा. इससे आपके सर्वेक्षण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, भले ही ऑनलाइन सिस्टम में किसी तरह की गड़बड़ी हो.
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दाखिल ख़ारिज और दस्तावेज की नई व्यवस्था
हम आपको बता दें कि सरकार के इस नए आदेश के मुताबिक, अगर किसी रैयत ने जमीन खरीदी है और म्यूटेशन (जमीन के मालिकाना हक का अद्यतन) नहीं हुआ है, तो भी दस्तावेज दिखाने पर सर्वेक्षण का कार्य किया जा सकेगा. इससे रैयतों को कोई असुविधा नहीं होगी और उनकी भूमि से जुड़ी समस्याओं का समाधान सुगमता से हो सकेगा.
भूमि मालिक जल्द जमा करें प्रपत्र-2
अजय कुमार ने कहा है कि, जल्द से जल्द सभी रैयत प्रपत्र-2 को भरकर जमा कर दें. आप सभी इस प्रपत्र को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में भर सकते है. अगर कोई रैयत दूसरे किसी राज्य में रहता है और सर्वेक्षण के लिए वापस नहीं आ सकता, तो उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है.
वह विभाग के पोर्टल पर जाकर अपने स्थानीय पते से फॉर्म 2 और अन्य आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड कर सकता है. विशेष रूप से यह सुविधा उन लोगों के लिए लाभकारी होगी जो बिहार में उपस्थित नहीं हैं.
रैयत का सीमांकन के दौरान मौजूद रहना अनिवार्य नहीं
हम आपको बता दें कि, जमीन सीमांकन के दौरान, अगर रैयत अपने साइट पर मौजूद नहीं होता है, तो भी उसके किसी जानकार के सामने सीमांकन का काम पूरा किया जा सकेगा. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सीमांकन की प्रक्रिया में किसी प्रकार की रुकावट न आए और भूस्वामी को कोई असुविधा न हो.
सादे कागज पर बनाकर दें अपना वंशावली
इसके अलावा लोगों को वंशावली के मामले में भी राहत दी गई है. अब वंशावली के फॉर्म पर रैयतों को सादे कागज पर स्वघोषित वंशावली तैयार करनी होगी. इसके लिए किसी भी अधिकारी या फिर सरपंच के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होगी. बिहार सरकार द्वारा किया गया यह बदलाव प्रक्रिया को सरल और अधिक सुलभ बनाएगा, जिससे वंशावली से जुड़ी समस्याओं का समाधान जल्दी और आसानी से हो सकेगा.
हम आपको बता दें कि, नीतीश सरकार की यह नई नीति बिहार के भूस्वामियों के लिए एक बड़ी राहत है. ऑनलाइन जमाबंदी में त्रुटियों होने पर ऑफलाइन दस्तावेजों के आधार पर सर्वेक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने की अनुमति ने कई परेशानीयो का समाधान किया है.
इसके अलावा, म्यूटेशन की कमी और वंशावली की परेशानियों को भी हल किया गया है. इस तरह, बिहार सरकार ने भूस्वामियों की समस्याओं को हल करने के लिए एक ठोस और व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किया है, जो समग्र भूमि प्रबंधन प्रणाली को प्रभावी और सुगम बनाएगा.