Sahara India : अगर भारत के लाखों इन्वेस्टर्स की तरह आपके भी Sahara India की सेविंग स्कीम्स में पैसे फंसे हुए हैं, तो आप सभी के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने सहारा ग्रुप में फंसे निवेशकों को बड़ी राहत साबित दी है.
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आपको बता दें कि, सहारा को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी संपत्तियों को बेचकर जमा पूंजी को Sahara India के निवेशकों को लौटाने की अनुमति दी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया यह निर्णय सेबी-सहारा विवाद के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
सहारा समूह को संपत्तियों बेचने की अनुमति
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, Sahara Group को सुप्रीम कोर्ट ने बिना बंधक वाली संपत्तियों बेचने की अनुमति दी है, ताकि वह ₹10,000 करोड़ रुपये SEBI-Sahara Refund Accounts में जमा कर सके. संपत्ति बेच कर प्राप्त राशि सहारा के विभिन्न निवेश योजनाओं में अपना पैसा फंसा चुके निवेशकों को लौटाने हेतु इस्तेमाल की जाएगी,
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सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि संपत्तियों की बिक्री पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होगी और Sahara Group को अपने एसेट्स को सर्कल रेट या इससे 10% कम दाम में बेचने होंगे. अगर इससे कम दर पर सहारा संपत्ति बेचने की सोचता है, तो उसे कोर्ट की इजाजत लेनी होगी.
Sahara India : बेचने योग सपत्तियों की एक सूची पेश करना होगा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के तहत, Sahara Group को यह निर्देश दिया है कि, वह उन संपत्तियों की एक सूची जारी करे, जिन पर कोई बंधक या फिर कर्ज नहीं है और जिन्हें बेच सकते है.
इसके साथ ही, इस प्रक्रिया की निगरानी में अदालत ने सेबी को शामिल करके पारदर्शिता बनाए रखने का आदेश दिया है. इसके बाद सेबी ने चिंता जताई थी कि, Sahara Group की सभी संपत्तियां पूरी तरह से बिना किसी बंधक की नहीं हैं,जिस कारण इस योजना को लागू करने में थोड़ी देरी हो सकती है.
तीन महीने के भीतर पैसा लौटाने का निर्देश
हम आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं कि, 31 अगस्त, 2012 का सुप्रीम कोर्ट का आदेश इस मामले का मूल आधार है, जिसमें Sahara India Real Estate और Sahara Housing को निवेशकों का पैसा तीन महीने के अन्दर 15% वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया गया था.
हालांकि, अब इस फैसले का 10 साल से अधिक समय बीत चुका है. लेकिन निवेशकों को यह राशि अभी तक नहीं लौटाई गई है, जिससे अब सहारा को सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उठाने का निर्देश दिया है.