Success Story. आज हम आपको एक ऐसे शक्स के बारे में बता रहे, जिसने केवल केवल ₹99 की पतलून बेचकर 9000 करोड़ रुपये की बिजनेस खड़ी की.
आज हम बात करेंगे किशोर बियानी की. यह रिटेल इंडस्ट्री (Retail Industry) का एक बड़ा नाम है.
किशोर बियानी कौन है, इन्होंने इतनी बड़ी कंपनी कैसे स्थापित की, इनकी Success Story क्या है, ये सारी बातें हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगें.
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आइये, जानें पतलून बेचने वाले से पैंटालून तक पहुंचने वाले किशोर बियानी की यह कहानी…
कौन है किशोर बियानी
किशोर बियानी को भारत में रिटेल किंग (Retail King) के नाम से जाना जाता है. इन्होंने ही भारत में आधुनिक रिटेल को लाया.
किशोर बियानी ने रिटेल बिजनेस का एक पूरा साम्राज्य खड़ा किया है. इन्होंने फ्यूचर ग्रुप के फ्यूचर रिटेल के माध्यम से ये सब खड़ा कर पाया है.
ये कई ब्रांड्स के मालिक हैं. इन्होंने शॉपिंग (Shopping) को आसान बनाकर आम लोगों तक पहुंचाने का काम किया है.
आपको बता दे कि किशोर बियानी का जन्म 9 अगस्त, 1961 को हुआ था. इनका जन्म मुंबई के एक व्यापारी घर में हुआ था. वर्ष 1987 में इन्होंने अपने परिवार के कपड़ों के बिजनेस को रेडीमेड कपड़ों की ओर मोड़ दिया.
कैसे की शुरूआत
किशोर बियानी ने शुरूआत 26 वर्ष के उम्र में पहला पैंटालून स्टोर खोलकर की थी. फ्यूचर ग्रुप कंपनी पर कर्ज को उतारने के लिए किशोर बियानी को 59 वर्ष की आयु में यह बेचना पड़ा. इसके अलावे उनके पास और कोई विकल्प नहीं था.
किशोर बियानी वर्तमान समय में कई ब्रांड्स के मालिक. इन्होंने लोगों को फैशन के बारे में सिखाया. इनका जीवन काफी साधारण तरीके का है.
हमने अभी तक किशोर बियानी के बारे में व कैसे इन्होंने पैंटालून की शुरूआत की, यह जाना. अब हम जानेंगे कि किस प्रकार किशोर बियानी ने यह मुकाम हासिल किया.
आइये, जाने Family Business से ब्रांड बनाने व फ्यूचर ग्रुप के स्टोर खोलने तक का सफ़र.
मात्र 26 की उम्र में ब्रांड बनाया
स्टोनवॉश फैब्रिक के बिजनेस में किशोर बियानी को शुरूआत में बहुत सफलता मिली. इससे उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ा.
इस दौरान किशोर बियानी कुछ नया करना चाह रहे थे. कुछ ऐसा कि अधिक-से-अधिक लोग उनसे जुड़ सके.
मात्र 26 वर्ष की आयु में इन्होंने Menzwear Privated Limited की शुरुआत की. बिजनेस शुरू करने के लगभग 5 वर्ष तक इन्होंने वस्त्र उद्योग को समझा.
इसके बाद किशोर बियानी ने रेडिमेड कपड़ों के निर्माता के तौर पर बिजनेस की शुरुआत की. साथ ही दो ब्रांड्स भी शुरू की.
पैंटालून की हुई शुरूआत
कुछ ही वक्त के बाद किशोर बियानी ने अपने ब्रांड का नाम बदल कर पैंटालून कर लिया.
1992 में किशोर बियानी ने इसे Stock Exchange में List करवाया. ताकि इससे पैसे जमा किया जा सकें.
इसके बाद किशोर बियानी ने सफलता हासिल करते रहे. वस्त्र उद्योग में एक नया व बड़ा परिवर्तन लेकर आये. उन्होंने रिटेल बिजनेस को पूरी तरह बदल दिया.
अब लोगों ने भी रेडिमेंट कपड़ों को पसंद करना शुरू कर दिया. लोग दर्जी के पास कपड़ा सिलवाने की जगह रेडिमेड कपड़े लेना शुरू कर दिया.
फ्यूचर ग्रुप के स्टोर खोले गए
वर्ष 2001 में फ्यूचर ग्रुप ने बिग बाजार का पहला स्टोर खोला. वर्ष 2016 में इनकी संख्या 56 हो गए. वहीं वर्ष 2008 तक कुल 116 स्टोर्स हो गए.
आपको बता दें कि 2008 में कंपनी ने मंदी का दौर भी झोला. लेकिन इसके बाद भी आगे बढ़ती रही. वर्ष 2019 तक 295 स्टोर्स खुल चुके थे.
इन्होंने भारतीय मिडिल क्लास को एक ही जगह पर पूरी मार्केट उपलब्ध कराया.
>> Big Bazar को भारत के वॉलमार्ट के नाम से भी जाना जाता है.
ये थी किशोर बियानी की Success Story. हमने देखा किस तरह से Family Business से शुरूआत कर एक बड़ा ब्रांड स्थापित किया. फैशन से लोगों को अवगत कराया. एक ही छत के नीचे पूरा मार्केट लाकर लोगों को दिया.