RANCHI : मंडप में बैठी दुल्हन की मांग सुबह 5 बजे जैसे ही दूल्हे ने सिंदूर भरा, वैसे ही दुल्हन मंडप को छोड़ Naukri की काउंसलिंग के लिए चली गई.
और संयोग वस वहां उसे Sarkari Naukri मिल भी गई और वो वापस आकर खुशी-खुशी परिवार से विदा ली. यह अनोखा वाकया उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा जिले का है.
गोंडा के रामनगर के बाराबंकी की रहने वाली प्रज्ञा तिवारी मेहंदी रचे हाथों से अपने Documents को संभालते हुए Form Fill करते हुए दिखीं. प्रज्ञा तिवारी के बालों में मोगरे के फूलों के गजरे सजे थे.
प्रज्ञा की शादी 04 दिसंबर बुधवार को हुई और गुरुवार की सुबह 5 बजे फेरों के होते ही वह अपने मांग में पति के नाम का सिंदूर लगाए गोंडा बीएसए ऑफिस के लिए निकल पड़ी, जहांं पर प्रज्ञा की काउंसलिंग होना था.
बता दें कि, काउंसलिंग का शेड्यूल डेट फिक्स था इसलिए फेरों के बाद ही प्रज्ञा तिवारी को कई रस्मों को छोड़कर काउंसलिंग के लिए जानी पड़ी.
काउंसलिंग के लिए प्रज्ञा लाइन में लगी और अपने सभी Documents को चेक कराकर रिसीविंग ले ली. आज प्रज्ञा के चेहरे पर दोहरी खुशी झलक रही थी.
प्रज्ञा का कहना हैं कि उसके लिए Career ज्यादा मायने रखता हैं इसलिए वह अपने दूल्हे को अपने इंतजार में मंडप में छोड़कर काउंसलिंग के लिए आई थी.
वहां मंडप में सभी इंतजार कर रहे हैं कि कब दुल्हन बनी प्रज्ञा वापस मंडप में आए और बाकी रस्म होने के बाद वों अपने ससुराल के लिए पति के साथ विदा हो.
प्रज्ञा का कहना है कि उसका दूल्हा उसके लिए बहुत लकी चार्मिंग (Lucky Charming) है कि फाइनली उसके जिंदगी में आने के बाद ही उसे Sarkari Naukri मिल गई.
प्रज्ञा ने सभी गार्जियन से यह अपील की, कि वे अपने बेटियों को खूब पढ़ाएं ताकि वह सेल्फ डिपेंडेंट (Self Dependent) हो सके. प्रज्ञा अपने इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय अपने माँ-पापा को दिया.
शिक्षा अधिकारी ने भी प्रज्ञा तिवारी को बधाई देते हुए यह कहा कि यह बड़ी बात है कि कल आपकी शादी हुई और आज Sarkari Naukri लग गई. प्रज्ञा Sarkari Naukri की काउंसलिंग करा वापस बाराबंकी चली गई है.
बता दें कि प्रज्ञा, बेसिक शिक्षा विभाग गोंडा में शिक्षक के पद पर नियुक्त हुई हैं. भले ही प्रज्ञा शिक्षक के पद पर नियुक्त हुई हैं लेकिन बड़ी बात यह हैं कि आज वो सेल्फ डिपेंडेंट हैं और इसके पीछे उसके माँ पापा और मंडप में इंतजार कर रहें दूल्हे का भी योगदान हैं.