Wednesday, June 7, 2023

Kadaknath Business : ‘कड़कनाथ’ ने बदली किस्मत, सलाना कमा रहें 5 लाख रुपये, आप भी ऐसे करें कमाई

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Kadaknath Business : कहते हैं कि दिल में कुछ करने की तमन्ना हो तो सफलता आपके कडमें चूमती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया हैं खगड़िया के अलौली प्रखंड स्थित पररी गांव निवासी रंजय पासवान ने.

वें अनपढ़ हैं. इसलिए जहां पर भी काम की तलाश में जाते थे, उन्हें मजदूरी करने का ही काम मिलता था. रंजय मजदूरी नहीं करना चाहते थे. ऐसे में उन्होंने कड़कनाथ मुर्गी पालन (Kadaknath Poultry Farming) की योजना बनाई.

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इसके लिए उन्होंने ट्रेनिंग भी ली और उन्होंने काम शुरू कर दिया. आज वो इसमें इतने सफल हो गए हैं कि सालाना 5 लाख रुपए की कमाई अपने दम पर कर रहे हैं.

वहीं, दूसरे राज्य के लोग भी उनसे कड़कनाथ मुर्गी पालन (Kadaknath Poultry Farming) की बारीकियां सीखने आते हैं.

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मजदूरी कर परिवार को चलाना था मुश्किल

रंजय पासवान बताते हैं कि ‘वो अनपढ़ हैं, जिसकी वजह से उनको हर जगह मजदूरी का काम ही मिलता था. परिवार की जरूरतों के लिए रंजय बिहार के बाहर जाकर मजदूरी किया करते थे.

लेकिन इस कमाई से उनका परिवार नहीं चल रहा था. ऐसे में उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और वापस घर आ गए. यहां रंजय ने लोगों से संपर्क करना शुरू किया.

जहां उन्हें कड़कनाथ मुर्गी पालन (Kadaknath Poultry Farming) की सलाह मिली. रंजय ने बिना समय बर्बाद किए खगड़िया कृषि केंद्र के वैज्ञानिक से संपर्क किया और इसकी ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी.

कई राज्यों से आते हैं व्यापारी

रंजय ने खगड़िया कृषि केंद्र उन्होंने 125 रुपए प्रति चूजा के हिसाब से 100 चूजा खरीदा था और पालन शुरू किया. 4 माह में चूजे 1 से डेढ़ किलो के हो गए.

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रंजय ने इसे 800 से 1000 रुपए किलो के हिसाब से बेचा और आज वो एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. अंडा भी प्रति पीस 60-75 रुपए के हिसाब से बेचते हैं.

रंजय बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्गी और उसके अंडे वो स्थानीय लोगों को भी बेचते हैं. साथ ही साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, यूपी और झारखंड के व्यापारी भी इनसे खरीदारी करने को आते हैं. रंजय इसके लिए कई जगह सम्मानित भी हो चुके हैं.

एक वर्ष पहले पहले शुरू किया टर्की पालन

रंजय ने बताया कि ‘वैसे तो उनके पास कई नस्ल के मुर्गे मुर्गियां थी. लेकिन सबसे फायदेमंद उनके लिए कड़कनाथ (Kadaknath) नस्ल की मुर्गी और मुर्गे रहे.

उन्होंने यह बताया कि अभी एक साल पहले वे अफ्रीकी नस्ल के टर्की भी लाए हैं. इसकी डिमांड भी धीरे धीरे बाजार में बढ़ रहा है. मुर्गियों के अलावें उनके पास 1 किलो से 8 किलो के टर्की और उसके अंडे भी मौजूद हैं.

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