Sunday, June 4, 2023

Business Idea : आखिर पराली जलाकर क्‍यों फैला रहें प्रदूषण? मोदी सरकार की मदद से करें लाखों में कमाई, जान लिजिए कैसे?

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SUPERHIT BUSINESS IDEA : पराली जलाने की घटनाएं (Stubble Burning Incidents) फिर बढ़ने

लगी हैं और Delhi सहित आसपास के शहरों का दम घुट (Suffocating Cities) रहा है।

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पराली जलने की घटनाओं पर नहीं लग रहा लगाम:

बता दें की Supreme Court और Government की तमाम कोशिशों के बावजूद न तो पराली जलने की

घटनाओं (Stubble Burning Incidents) पर लगाम लग रहा है और न ही प्रदूषण घटने का नाम ले रहा है.

हालांकि, अगर आप पराली जलाने के बजाए उसका प्रबंधन और मोनेटाइजेशन (Management and

Monetization) करना चाहते हैं तो सरकार की मदद से सालाना 20 लाख रुपये तक कमाई कर सकते हैं।

ICAR ने जारी किया था यह रिपोर्ट:

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research- ICAR) ने हाल में ही एक

रिपोर्ट जारी कर बताया था कि पराली जलाने की घटनाएं करीब 13% बढ़ गई हैं और Delhi- NCR में हवा जहरीली

हो गई है. ICAR ने बताया है कि देश में पराली बड़ी समस्‍या बन गया है. हर साल करीब 700 मीट्रिक टन

Agriculture Waste निकलता है, जिसमें से अभी सिर्फ 0.03 फीसदी Waste का ही इस्‍तेमाल हो पा रहा है।

वहीं इससे पता चलता है क‍ि यह Problem कितनी बड़ी है और इसमें अवसर भी कितना ज्‍यादा है. Panjab और

Haryana में ही सालाना लगभग 2 करोड़ टन से ज्यादा धान की पराली (Paddy Straw) पैदा होती है।

इसमें से लगभग 64 लाख टन का Management नहीं हो पाता है और इसे आग लगा दी जाती है।

कहां करें इसकी सप्‍लाई:

यह बात तो सभी को पता है कि देश में बिजली की ज्‍यादातर मांग (Highest Demand For Electricity

In The Country) अभी कोयले के जरिये ही पूरी की जाती है. एक तो इसका उत्‍पादन करना कठिन होता है,

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दूसरे कि इससे भी प्रदूषण यानि Pollution फैलता है. ऐसे में Government ने बिजली संयंत्रों से पराली का

इस्‍तेमाल जैव कोयले (Bio Coal) के रूप में करने का सुझाव दिया है. इतना ही नहीं Government ने तो

कोयला संयंत्रों में 5 से फीसदी बायो वेस्‍ट (Bio Waste) इस्‍तेमाल करना जरूरी भी बना दिया है।

केंद्र सरकार की मदद से बनाएं संयंत्र:

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री (Union Environment Minister, Government of India) भूपेंद्र यादव ने

पिछले दिनों कहा था कि सरकार Torrefaction और Pelletization संयंत्र स्‍थापित करने में मदद कर रही है.

वहीं इसके जरिये न सिर्फ पराली की समस्‍या (Straw Problem) को दूर किया जा सकता है, बल्कि किसानों

की आमदनी यानि Income भी बढ़ाई जा सकती है. इस Torrefaction और Pelletization प्‍लांट में फसल के

अवेशेषों को जैव कोयले में बदला जाता है और इसे लगाने में सरकार (Government) मदद भी करेगी।

केंद्र सरकार देती है सब्सिडी:

बता दें की इस Torrefaction और Pelletization प्‍लांट को लगाकर किसान (Farmer) हर साल लाखों रुपये

कमाई कर सकते हैं. अभी केंद्र सरकार यानि Central Government ने प्‍लांट लगाने वालों को Subsidy देने

के लिए 50 करोड़ रुपये का फंड बनाया है. इसके तहत Non Torfed Pellet Plant लगाने के लिए 14 लाख

रुपये प्रति टन प्रति घंटे की सब्सिडी और Torfed Pellet Plant के लिए 28 लाख रुपये प्रति टन प्रति घंटे की

सब्सिडी (Subsidy) मिल रही है. एक प्‍लांट में Non-torfed के लिए 70 लाख और Torfed के लिए

1.40 करोड़ रुपये की अधिकतम सब्सिडी यानि Maximum Subsidy मिल सकती है।

ऐसे भी कर सकते हैं कमाई:

आप चाहें तो धान की पराली (Paddy Straw) को सीधे Manufacturing Plant को सप्‍लाई करके भी कमाई

कर सकते हैं. इसका इस्‍तेमाल Paper Mill और Hard Board बनाने में किया जाता है. इन प्‍लांट को अगर आप

सीधे पराली की Supply करते हैं तो 135 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचा जा सकता है. यानी आप खुद के

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खेत से पराली निकालें या अन्‍य किसानों से लेकर उसे बेच दें, आपको Bumper Profit होने वाला है। आप सीधे

किसानों से खरीदना चाहते हैं तो 5 हजार रुपये प्रति एकड़ के भाव से इसे खरीदा जा सकता है।

इन विकल्‍पों से भी आप कमा सकते हैं पैसा:

◆ जैविक खाद (Organic Manure):

बता दें आप पराली का इस्‍तेमाल जैविक खाद (Organic Manure) बनाने में कर सकते हैं और अगर आप किसान

है तो इसका Use अपने खेत में कर सकते हैं या फिर इस पराली को अन्‍य किसानों से बेच सकते हैं।

◆ जैविक ईंट (Organic Brick):

बताते चलें की मकान बनाने (Build Houses) के लिए जरूरी नहीं कि मिट्टी की ईंटों का निर्माण (Clay Bricks

Manufacturing) किया जाए आप जैविक ईंट (Organic Brick) का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं।

वहीं जैविक ईंट को कृषि अपशिष्‍ट से बनाया जाता है और यह मिट्टी वाली ईंट से ज्‍यादा टिकाऊ भी होती है।

◆ दोना पत्‍तल (Both Leaves):

बताते चलें की पराली (Paddy Straw) का इस्‍तेमाल दोना और पत्‍तल बनाने (Making Leaves) में भी किया

जा सकता है, जो आजकल काफी चलन में है (Leaves Are Very Much In Trend These Days).

◆ कागज (Paper):

आपको बता दें की पराली का इस्‍तेमाल कागज बनाने (use of paddy straw to make paper) में भी

किया जा सकता है, क्‍योंकि इससे Hard Board और दफ्ती जैसी चीजें बनाना काफी आसान है।

◆ तारकोल (Coal Tar):

इसे तारकोल (Coal Tar) कोयले को गर्म करके बनाया जाता है, जिसमें पराली का बखूबी इस्‍तेमाल होता है।

आप चाहें तो पराली को तारकोल (Coal Tar) बनाने वाली कंपनियों को Supply कर सकते हैं।

◆ कोयला (Coal):

बता दें की लकड़ी के जरिये कोयला (Coal Through Wood) बनाया जाता है और इसमें पराली का खूब

इस्‍तेमाल (Use Of Paddy Straw) होता है. आप चाहें तो खुद कोयला बनाने का बिजनेस (Coal Making

Business) शुरू कर सकते हैं या फिर इसे बनाने वाले को पराली की Supply कर सकते हैं।

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