Zodiac Sign Astrology : सामान्यत: तो अचानक से हुई कोई अशुभ स्थिति हर किसी को गुस्सा दिला ही देता हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार
कई बार बेवजह का गुस्सा आना आपके ग्रहों की स्थिति पर भी यह निर्भर करता है. ज्योतिष (Astrology) में यह माना जाता हैं कि किसी जातक के क्रूर ग्रह अशुभ होते हैं तो वह लगातार व्यक्ति को क्रोध दिलाते रहते हैं.
ऐसे में जातक के इसी गुस्सैल रवैये के कारण उसे कई बार कुछ बड़ी परेशानियों का भी सामना करने को मजबूर होना पड़ता हैं. वहीं ज्योतिष (Astrology) के जानकारों के अनुसार
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कुछ विशेष राशियों में ऐसी स्थिति अधिकतर ही देखने को मिलता है ऐसे में जिन जातकों की यह राशियां होती हैं, उन्हें कुछ खास बातों का भी विशेष ध्यान रखने होते है. तो आइये जानते हैं उन विशेष राशियों के बारे में जिन्हें अधिकतर ऐसी स्थितियों से जुझते देखा जाता है.
मेष राशि (Aries)
राशिचक्र की प्रथम राशि मेष का स्वामित्व मंगल को प्राप्त हैं और मंगल पराक्रम का कारक होने के साथ ही क्रूर ग्रह भी माना गया है. यह ज्योतिष (Astrology) में देवग्रहों का सेनापति यानि देवसेनापति माना गया हैं.
अपने उग्र स्वभाव के चलते जब मंगल मेष राशि वालों की कुंडली में अशुभ होकर बैठता हैं तो ऐसे जातक को बहुत जल्द गुस्सा आता है. वहीं जब मंगल पर राहु और केतु जैसे पाप ग्रहों की दृष्टि पड़ती हैं,
तो ऐसे जातक का क्रोध बेकाबू हो जाता हैं और कभी-कभी ये जातक गुस्से में कुछ ऐसा भी कर लेते है, जिसके चलते उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
मेष राशि वालों को अपने गुस्से पर काबू रखनी चाहिए. नहीं तो इस आदत के कारण उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.
बचाव के उपाय : जिन जातकों के साथ ये स्थिति होती है, उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करना चाहिए. जहां तक मेष राशि का प्रश्न है तो वे जातक जिनका नाम
चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ अक्षर से शुरु होता हैं, उनका नाम मेष राशि के अंतर्गत आता है. वहीं जहां तक कुंडली में राशि का प्रश्न हैं तो कई बार लोग कुंडली से अलग भी नाम रखते हैं.
सिंह राशि (Leo)
सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह के जातकों में कई बार गुस्से की अधिकता देखने को मिलता हैं. नवग्रहों के राजा सूर्य से जुड़े जातकों को लोगों को निर्देश या आदेश देना पसंद होता है.
ऐसे में जब किसी सिंह राशि वाले जातक की कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ता हैं तो ये जातक अहंकार और गुस्से से स्वयं का ही नुक्सान कर बैठते है.
इनकी गुस्सैल प्रवृत्ति के चलते लोग इनसे दूरी बना लेते हैं. ऐसे में खराब समय में भी ये खुद को कई मौको पर अकेला ही पाते हैं.
बचाव के उपाय : इस राशि के जातकों को अपनी वाणी में मधुरता के साथ ही स्वभाव में विनम्रता लाना चाहिए. इसके अलावें ऐसे जातकों को हर रोज आदित्यह्दय स्त्रोत का पाठ या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ
करना या सुनने चाहिए. सामान्यत: जिन जातकों के नाम का पहला अक्षर मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे से शुरु होता है, उनकी राशि सिंह होती है.
मकर राशि (Capricorn)
न्याय के देवता शनि को ज्योतिष (Astrology) में एक क्रूर ग्रह माना जाता है, इनके स्वामित्व वाली मकर राशि के जातकों को भी कई बार अत्यंत गुस्सा आता है.
ऐसे में वे अपने हित व अहित को छोड़ गुस्से के कंट्रोल में आकर कई बार गलत निर्णय तक ले बैठते हैं. ज्योतिष (Astrology) के जानकारों के अनुसार शनि देव जब किसी मकर राशि के जातक की कुंडली में अशुभ होते हैं
तो वे उस जातक को गुस्सैल बनाते हुए इनकी वाणी को खराब कर देते हैं. अपने इसी गुस्से के कारण इन जातकों को कई बार कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
वहीं शनि देव की अशुभता होने से इनके दांपत्य जीवन भी में तनाव और कलह बनी रहती है. जबकि प्रतिभाशाली होने के बावजूद शनि के दुष्प्रभाव से ये उसका लाभ नहीं उठा पाते.
बचाव के उपाय : मकर राशि वालों को शनि के अशुभ स्थिति में होने के कारण क्रोध आने से बचने के लिए हर शनिवार के दिन भगवान शिव की पूजा करना चाहिए.
इसके अलावें शनिवार को शनि देव के मंदिर में शनि से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए, साथ ही साथ इन्हें परनिंदा से भी बचना चाहिए. सामान्यत: भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी, है, अक्षर से प्रारंभ होने वाले नाम के जातकों की राशि मकर होती है.