पूरे देश मे अश्विन मास की दशमी तिथि को दशहरा या विजयादशमी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. दुर्गा पूजा की दशमी तिथि को मनाया जाने वाला यह दशहरा बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य के विजय की प्रतीक हैं.
कहा जाता है दशहरा या विजयादशमी के दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त के भी शुभ कार्यों को किये जा सकता हैं. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन किया गया कोई भी नए कार्यों में सफलता हासिल होती हैं.
विजयादशमी या दशहरा के दिन श्रीराम, मां दुर्गा, श्री गणेश और हनुमान जी की अराधना करके अपने परिवार के मंगल की कामना की जाती हैं.
मान्यता है कि दशहरा के दिन रामायण पाठ, सुंदरकांड, श्रीराम रक्षा स्त्रोत करने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं.
मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन माना जाता है शुभ
दशहरा या विजयादशमी सर्वसिद्धिदायक तिथि माना जाता हैं. इसलिए इस दिन सभी शुभ कार्य फलकारी माना जाता हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दशहरा के दिन बच्चों का अक्षर लेखन, घर या दुकान का निर्माण, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन, अन्नप्राशन, कर्ण छेदन, भूमि पूजन और यज्ञोपवीत संस्कार आदि कार्य शुभ माना गया हैं. विजयादशमी के दिन विवाह संस्कार को निषेध माना गया है.
जानिए कब है दशहरा
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल विजयादशमी या दशहरा का त्योहार 25 October को मनाया जाएगा. बता दें कि दशहरा हर साल दीपावली से ठीक 20 दिन पहले मनाया जाता हैं.
हालांकि इस वर्ष नवरात्रि 9 दिन का न होकर 8 दिन में ही समाप्त हो रहा हैं. दरअसल, इस साल अष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रही है.
24 October को सुबह 6 बजकर 58 मिनट तक ही अष्टमी है, उसके बाद नवमी शुरू हो जाएगी. जिसके चलते दशहरा 25 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा.
शुभ मुहूर्त-
दशमी तिथि प्रारंभ – 25 October को सुबह 07:41 मिनट से
विजय मुहूर्त – दोपहर 01:55 मिनट से 02 बजकर 40 तक.
अपराह्न पूजा मुहूर्त – 01:11 मिनट से 03:24 मिनट तक.
दशमी तिथि समाप्त – 26 अक्टूबर को सुबह 08:59 मिनट तक रहेगी.
पौराणिक कथा-
पौराणिक कथा अनुसार, इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था.
भगवान श्री राम के रावण पर विजय प्राप्त करने के कारण ही इस दिन को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता हैं.